बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ी, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के ICU में भर्ती
भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी को तबीयत खराब होने पर अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

नई दिल्ली। भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबियत बिगड़ने की खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार देर रात उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 96 वर्ष के दिग्गज बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी का न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विनीत सूरी की देखरेख में इलाज किया जा रहा है।
लालकृष्ण आडवाणी की पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब चल रही है। बीते चार से पांच महीनों के भीतर लालकृष्ण आडवाणी करीब चौथी बार अस्पताल में भर्ती हुए हैं। इससे पहले 04 जुलाई 2024 को भी आडवाणी को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उससे कुछ दिन पहले आडवाणी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया था। उन्हें एम्स में एक रात रखने के बाद छुट्टी दे दी गई थी।
लालकृष्ण आडवाणी को दिल्ली के एम्स से 27 जून को डिस्चार्ज किया गया था। उन्हें उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अस्पातल में भर्ती कराया गया था। अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। लालकृष्ण आडवाणी को जरियाट्रिक डिपार्टमेंट के डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था।
लालकृष्ण आडवाणी पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसी साल उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के चलते वे राष्ट्रपति भवन के आयोजन में नहीं पहुंच सके। उन्हें आवास पर ही भारत रत्न दिया गया था।
8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की बधाई देने उनके आवास पहुंचे थे। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फोटो भी शेयर की थी, जिसमें पीएम मोदी को लालकृष्ण आडवाणी को गुलदस्ता भेंट करते हुए देखा गया था। पीएम मोदी ने फोटो के कैप्शन में लिखा था, 'आडवाणी जी के निवास पर जाकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।'
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1980 में BJP के गठन के बाद से लाल कृष्ण आडवाणी BJP के एक सांगठनिक नेता के रूप में उभरे। उसके बाद वो उप-प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे। आडवाणी लंबे समय तक BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। वे भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने और उसे राष्ट्रीय स्तर तक लाने वाले नेताओं में शामिल रहे। उन्हें भारतीय जनता पार्टी का शिल्पकार भी कहा जाता है। हालांकि, बाद में उन्हें पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में डालकर किनारे कर दिया गया।