न्यूजक्लिक के फाउंडर और एचआर हेड को सात दिन की पुलिस रिमांड, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी पूछताछ

चीन से कथित तौर पर फंडिंग लेकर भारत में उसका एजेंडा चलाने के आरोपों पर न्यूजक्लिक के संस्थापक को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने उन्हें सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।

Updated: Oct 04, 2023, 12:09 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक वेबसाइट के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और HR प्रमुख अमित चक्रवर्ती को मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया था। दिल्ली पुलिस ने बुधवार सुबह उन्हें मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मीडिया से कहा कि पुलिस ने दिल्ली स्थित न्यूजक्लिक के कार्यालय को सील कर दिया गया है। न्यूजक्लिक से जुड़े 46 संदिग्धों से पूछताछ की गई और लैपटॉप एवं मोबाइल फोन सहित डिजिटल उपकरणों तथा दस्तावेज जांच के लिए जब्त कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 37 पुरुष संदिग्धों से दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ कार्यालय में पूछताछ की गई, जबकि नौ महिला संदिग्धों से उनके घरों में पूछताछ हुई।

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केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी न्यूजक्लिक पर मारे गए छापे को लेकर कहा कि, 'देश में जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं और वे कानून के अनुसार काम करती हैं। यदि किसी ने कुछ गलत किया है, तो जांच एजेंसी इस संबंध में काम करती हैं... यह कहीं नहीं लिखा कि यदि आपने अवैध तरीके से धन कमाया है या कुछ आपत्तिजनक किया है, तो जांच एजेंसी इसकी जांच नहीं कर सकती।'

पुलिस ने इनसे उनकी विदेश यात्रा, दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, किसान आंदोलन सहित विभिन्न मुद्दों से जुड़े 25 सवाल पूछे। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया से लेकर एडिटर्स गिल्ड, डीजीपब और मुंबई प्रेस ने इस छापेमारी की आलोचना की है। 

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एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि यह कार्रवाई मीडिया पर लगाम लगाने का एक और प्रयास है। कठोर कानूनों का इस्तेमाल डराने-धमकाने या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आलोचनात्मक आवाजों को दबाने के लिए नहीं होना चाहिए। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा कि वह पत्रकारों पर छापेमारी से चिंतित है। हम पत्रकारों के साथ एकजुटता से खड़े हैं।

दिल्ली पुलिस ने यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत की है। 5 अगस्त को न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि न्यूजक्लिक को एक अमेरिकी अरबपति नोवेल रॉय सिंघम ने फाइनेंस किया था। वे चीनी प्रोपेगैंडा को बढ़ावा देने के लिए भारत समेत दुनियाभर में संस्थाओं को फंडिंग करते हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर 17 अगस्त को न्यूजक्लिक के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग जुटाने जैसे गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था।