लेह में कड़कड़ाती ठंड के बीच सड़कों पर उतरे हजारों लोग, लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग
सामाजिक कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोनम वांगचुक ने भी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। वांगचुक पर ही आमिर खान की फिल्म थ्री इडियट्स बनी थी।

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा दिए जाने की मांग को लेकर रविवार को बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। लेह में कड़कड़ाती ठंड के बीच हजारों लोगों ने सड़कों पर मार्च निकाला। इससे पहले शनिवार (3 फरवरी) को लद्दाख में बंद का ऐलान किया गया था। प्रदर्शन का नेतृत्व लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) कर रही हैं।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले और संविधान के छठे शेड्यूल को लागू किया जाए। साथ ही लेह और कारगिल को संसद में अलग-अलग सीटें दी जाएं। सामाजिक कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोनम वांगचुक ने भी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। वांगचुक पर ही आमिर खान की फिल्म थ्री इडियट्स बनी थी।
केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही दोनों दलों के प्रतिनिधियों से 19 फरवरी को दूसरे राउंड की बातचीत करने का ऐलान किया था। इसके बावजूद इन दोनों संगठनों ने लद्दाख शटडाउन रखा। लद्दाख के लोगों की मांगों पर विचार करने के लिए केंद्र ने पहले ही गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अगुआई में एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है। लद्दाख के लोगों का कहना है कि वे कभी न खत्म होने वाले ब्यूरोक्रेटिक रूल के तहत नहीं रह सकते।
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था। इसके बाद जम्मू और कश्मीर को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।
लेकिन इसके दो साल के अंदर ही लेह और कारगिल के लोगों को राजनीतिक तौर पर बेदखल किया हुआ महसूस करने लगे और तभी से केंद्र के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।