Uttarakhand Glacier Burst LIVE Updates: उत्तराखंड के तपोवन की दूसरी सुरंग में 100 मीटर तक मलबा साफ, अंदर फंसे हैं 30 लोग
उत्तराखंड में रविवार को ग्लेशियर टूटने से हुए भयानक हादसे में 150 लोग अब भी लापता हैं, बचाव-राहत के काम में जुटे हैं NDRF, SDRF और ITBP के जवान
क्रिकेटर ऋषभ पंत का पीड़ितों की मदद के लिए मैच फ़ीस देने का एलान
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने उत्तराखंड में हुए हादसे के पीड़ितों की मदद के लिए अपनी मैच फीस देने का एलान किया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'उत्तराखंड में लोगों की जान जाने से गहरा दुख पहुंचा है। मैंने अपनी मैच फीस बचाव कार्य में देने का फैसला किया है। और लोगों से भी मदद की अपील करता हूं।'
Deeply pained by the loss of life in Uttarakhand. Would like to donate my match fee for the rescue efforts and would urge more people to help out.
— Rishabh Pant (@RishabhPant17) February 7, 2021
दूसरी सुरंग में क़रीब 100 मीटर तक हटाया गया मलबा : ITBP
तपोवन की दूसरी सुरंग में बचाव का काम जारी है। इस बीच आईटीबीपी की टीम ने बताया है कि इस सुरंग में करीब सौ मीटर तक मलबा हटा लिया गया है। ये सुरंग करीब ढाई किलोमीटर लंबी है और इसमें आगे की तरफ चढ़ाई है।
तपोवन की दूसरी सुरंग में बचाव का काम जारी

तपोवन क्षेत्र की दूसरी सुरंग में बचाव औऱ राहत का काम लगातार जारी है। NDRF, ITBP, SDRF और SSB के जवान टनल में फंसे लोगों को निकालने की कोशिशों में लगातार जुटे हुए हैं।
हेलिकॉप्टर से बचाव, राहत का काम जारी

हेलिकॉप्टर की मदद से बचाव और राहत का काम भी जारी है। डिजास्टर रिलीफ टीमें ज़रूरी सामानों के साथ देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना हो चुकी हैं। इसके लिए Mi-17 और ALH हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। मलबे में फंसे लोगों की तलाश में मदद के लिए खोजी कुत्तों की टीम भी भेजी गई है।
मशीनों के ज़रिए टनल को खोलने की कोशिश, PIB ने जारी किया वीडियो
टनल में फंसे लोगों को निकालने के प्रयासों का वीडियो प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की उत्तराखंड इकाई ने तपोवन के अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। PIB ने बताया है कि बीती रात टनल में पानी बढ़ने के कारण बचाव कार्य रोकना पड़ा था, लेकिन सोमवार सुबह से काम फिर शुरू हो गया है। टनल में भरे मलबे को निकालने के लिए मशीनों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।
Rescue work on the second tunnel was stopped temporarily only due to some rise in water level..it has already started again. The machine clearing the slush again at the entry of tunnel..some agencies are misquoting.@ndmaindia@PIB_India@PIBFactCheckpic.twitter.com/Hbaqv4PD6M
— PIB in Uttarakhand (@PIBDehradun) February 8, 2021
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने हादसे पर दुख ज़ाहिर किया, मदद की पेशकश भी की
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतरेस ने उत्तराखंड के हादसे पर गहरा दुख जाहिर किया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के साथ ही बचाव और राहत के काम में हर तरह की मदद करने की पेशकश भी की है।
पीड़ित परिवारों की मदद का एलान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रावत ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिवार को 4 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड से भी 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। घायलों को 50 हजार रुपये की मदद देने का एलान भी किया गया है।
वैज्ञानिकों की टीम करेगी हादसे के कारणों की पड़ताल
खबर है कि प्रभावित इलाकों के एरियल सर्वे के लिए वायुसेना आज यहां वैज्ञानिकों को एयरलिफ्ट करके ले जाएगा। अचानक आए सैलाब के कारणों की पड़ताल के लिए विशेषज्ञों की एक टीम आज तपोवन भी पहुंचेगी। इस टीम में ग्लेशियोलॉजिस्ट यानी ग्लेशियर के बारे में खास जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
एनटीपीसी के पावर प्रोजेक्ट की साइट से 18 शव निकाले गए
उत्तराखंड में रविवार को ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे में 170 लोगों के मारे जाने की आशंका है। चमोली जिले के जोशीमठ के पास तपोवन इलाके में NTPC के पावर प्रोजेक्ट की साइट से अब तक 18 शव निकाले जा चुके हैं। तपोवन में एक प्राइवेट कंपनी के ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और सरकारी कंपनी NTPC के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। कल के हादसे में सबसे ज्यादा नुकसान इन्हीं प्रोजेक्ट्स में हुआ है। यहां काम करने वाले कर्मचारी अचानक आए सैलाब में फंस गए।
टनल में फँसे 30 लोगों को निकालने के लिए बचाव कार्य फिर शुरू
तपोवन इलाके के जिस टनल में बीती रात पानी बढ़ने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा था, वहां NDRF की टीम ने आज सुबह जलस्तर घटने के बाद ऑपरेशन फिर शुरू कर दिया है। 900 मीटर लंबे इस टनल में 30 लोगों के फंसे होने की आशंका है। तपोवन के इस इलाके में दो टनल हैं। पहले टनल में फंसे 16 लोगों को कल ही निकाला जा चुका है।