भारत में 1 फीसदी अमीरों के पास 40 फीसदी संपत्ति, ब्रिटिश राज से भी खतरनाक स्तर पर आर्थिक असमानता

आर्थिक विश्लेषक हार्दिक जोशी के अनुसार मौजूदा समय में भारत की कुल संपत्ति का 40.1% हिस्सा केवल 1% सबसे अमीर लोगों के पास है। जबकि देश की 50% गरीब आबादी के पास सिर्फ 6.4% संपत्ति है।

Updated: Jul 03, 2025, 04:41 PM IST

नई दिल्ली। भारत में आर्थिक असमानता (Income Gap) इतनी ज़्यादा बढ़ गई है कि अब यह ब्रिटिश शासन के समय से भी बदतर स्थिति में पहुंच चुकी है। एक आर्थिक विश्लेषक ने यह दावा वर्ल्ड इनइक्वलिटी डेटाबेस (World Inequality Database) के आँकड़ों के आधार पर किया है। 

आर्थिक विश्लेषक हार्दिक जोशी के अनुसार मौजूदा समय में भारत की कुल संपत्ति का 40.1% हिस्सा केवल 1% सबसे अमीर लोगों के पास है। जबकि देश की 50% गरीब आबादी के पास सिर्फ 6.4% संपत्ति है। देश के सबसे अमीर एक फीसदी लोगों की कमाई और संपत्ति उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

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उन्होंने कहा कि इस समय भारत में जो आय और संपत्ति का बँटवारा है, वह ब्रिटिश राज के समय की असमानता से भी ज़्यादा असंतुलित है। जोशी कहते हैं कि यह स्थिति अचानक नहीं बनी, बल्कि यह दशकों की ऐसी नीतियों का नतीजा है जो अमीरों को फायदा पहुंचाती हैं। भारत में श्रमिकों के हितों की लगातार अनदेखी की गई, कॉरपोरेट कंपनियों को लगातार छूट मिलती रही और आम लोगों के लिए शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी अत्यावश्यक सुविधाओं में निवेश बहुत कम हुआ।

उन्होंने कहा कि भारत की शीर्ष 10% आबादी आज देश की 57.7% कुल आय पर कब्जा किए हुए है। यह दिखाता है कि केवल संपत्ति ही नहीं, आमदनी में भी भारी अंतर है। जोशी का मानना है कि इस असमानता को दूर करने के लिए सरकार को कुछ ठोस और सख्त कदम उठाने होंगे। 

जोशी ने कहा कि भारत में आज असमानता कोई हादसा नहीं है। यह एक सोची-समझी नीति का नतीजा है। अब समय है कि हम इसके खिलाफ कदम उठाएं। उन्होंने देश सबसे अमीर लोगों पर संपत्ति और उत्तराधिकार कर (wealth & inheritance tax) लगाने का सुझाव दिया है। साथ ही श्रमिकों के अधिकारों को मजबूत करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा में भारी निवेश किए जाने की वकालत की है।