NEET परीक्षा में नक्सल प्रभावित सुकमा के स्टूडेंट्स ने लहराया परचम, 58 में से 43 पास हुए
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले से 43 बच्चों ने नीट परीक्षा 2025 पास की है। परीक्षा में कुल 58 बच्चे शामिल हुए थे। जिले में प्रशासन स्तर पर शुरू हुई “ मुफ्त आवासीय कोचिंग योजना” की पहल ने आदिवासी बच्चों के डॉकर बनने के सपने को साकार किया है।

सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में.... युवाओं के मेडिकल में जाने के सपने साकार हो रहे हैं। दरअसल, यहां से 48 बच्चों ने मेडिकल की सबसे कठिन परीक्षा नीट निकाली है। जिले में प्रशासन स्तर पर शुरू हुई “मुफ्त आवासीय कोचिंग योजना” से युवाओं ने अपने सपनों को पंख देना शुरू कर दिया है। खासकर आदिवासी बच्चों को इसका लाभ मिल रहा है।
नीट परीक्षा में कुल 58 बच्चे बैठे थे। जिनमें से 43 बच्चों ने परीक्षा पास की है। यानी कि पास होने का प्रतिशत 90% के आसपास है। जो शानदार मिसाल देकर जा रहा है। इनमें एक बच्ची पूर्व नक्सली परिवार की भी रही। इस परिणाम के बाद अब ये बच्चे डॉक्टर बनने की राह पर आगे निकलेंगे।
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सुकमा जिला प्रशासन की तरफ से शुरू हुई मुफ्त आवासीय कोचिंग योजना ने यहा के आदिवासी परिवार के बच्चों के लिए मददगार रही। प्रशासन ने इन बच्चों की पहचान की जो संसाधनों की कमी के चलते मेडिकल की तैयारी नहीं कर पा रहे थे। जिसके बाद उन सभी युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा के लिए सक्षम बनाया। जिससे इस पहल ने सिर्फ परीक्षा में सफलता पाने तक नहीं, बल्कि शिक्षा और विकास के क्षेत्र में बढ़ते कदमों की पहचान देने की शुरूआत है।
यहां संध्या कुंजाम नाम की लड़की ने नीट परीक्षा 2025 पास की जो पूर्व आत्म-समर्पित नक्सली की बेटी है। उनके पिता रमेश कुंजाम ने साल 2002 में नक्सलवाद को छोड़ आत्मसमर्पण किया था। बता दें सुकमा जैसी चुनौतीपूर्ण इलाके में और यहां की सामाजिक परिस्थिति में रहना अपने आप में कठिन है। यहां सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों को अपने गांव से स्कूल तक पहुंचने में होती है।