हम नफरत और बंटा हुआ हिंदुस्तान नहीं, मोहब्बत और भाईचारे का हिंदुस्तान चाहते हैं, नागालैंड में राहुल गांधी

22 जनवरी का कार्यक्रम एक राजनीतिक कार्यक्रम बन गया है। हिंदू धर्म के जो लीडर/ऑथारिटी हैं, उन्होंने कहा है कि वो इस राजनीतिक कार्यक्रम में नहीं जा पाएंगे: राहुल गांधी

Updated: Jan 16, 2024, 05:39 PM IST

कोहिमा। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा जारी है। यात्रा का आज तीसरा दिन है और मणिपुर से रवाना हुई यह यात्रा मंगलवार को नागालैंड पहुंच गई है। यात्रा के नागालैंड की राजधानी कोहिमा में पहुंचने पर राहुल गांधी का स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया है। राहुल गांधी ने कोहिमा में वहां के स्थानीय लोगों से मुलाकात की और प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया।

राहुल गांधी ने कहा कि पिछले साल हमने देश को, अलग-अलग संस्कृतियों, अलग-अलग धर्मों, अलग-अलग भाषाओं को एक साथ लाने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक (भारत जोड़ो) यात्रा की थी। इसके बाद हमारा विचार था कि हमें पूर्व से पश्चिम तक एक यात्रा करनी चाहिए। हमने पूर्व से पश्चिम तक के लिए भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की है। उन्होंने आगे कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत मणिपुर से करने पर मुझे इस बात की खुशी हो रही है।

राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी के लोग भी कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा कामयाब रही है। बीजेपी का नफरत भरा हिंसा का मॉडल अन्याय का मॉडल है। अन्याय से नफरत बढ़ रही है और उसके जरिए बीजेपी की कोशिश कुछ लोगों को देश की संपत्ति देने की कोशिश कर रही है। हिंसा के बाद भी पीएम मोदी ने नॉर्थ ईस्ट के मणिपुर जाने की परवाह तक नहीं की और यह शर्मनाक है। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम ने नागालैंड से भी कुछ वादे किए थे वो भी पूरा नहीं हुआ।

राहुल गांधी से जब लोकसभा चुनाव को लेकर सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि बीजेपी से मुकाबले के लिए इंडिया गठबंधन पूरी तरह तैयार है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा विचारधारा की यात्रा है। इंडिया गठबंधन अच्छी तरह चुनाव लड़ेगा और वह जीत भी हासिल करेगा। न्याय यात्रा सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय के लिए है और इसमें जाति जनगणना जैसे कई मुद्दे हैं।

वहीं राम मंदिर के उद्घाटन संबंधी कार्यक्रम पर राहुल गांधी ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाला रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का फंक्शन है। इसे पूरी तरह से चुनावी कलेवर दिया गया है। हिंदू धर्म के जो लीडर/अथॉरिटी हैं, उन्होंने कहा है कि वो इस राजनीतिक कार्यक्रम में नहीं जा पाएंगे। इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष ने वहां जाने से इनकार किया था।

राहुल गांधी ने आगे कहा, 'जहां तक धर्म की बात है, हम सभी धर्मों के साथ हैं। हम ये कहना चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी से जो भी जाना चाहे, वो जा सकता है। जो सचमुच धर्म को मानते हैं, वो धर्म के साथ 'पर्सनल रिश्ता' रखते हैं। वे अपने जीवन में धर्म का प्रयोग करते हैं। जो धर्म के साथ 'पब्लिक रिश्ता' रखते हैं, वो धर्म का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। मैं अपने धर्म का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करता हूं, मैं अपने धर्म के सिद्धांतों पर जिंदगी जीने की कोशिश करता हूं। इसलिए मैं लोगों की इज्जत करता हूं, अहंकार से नहीं बोलता, नफरत नहीं फैलाता। ये मेरे लिए हिंदू धर्म है। हम नफरत और बंटा हुआ हिंदुस्तान नहीं चाहते हैं। हम मोहब्बत और भाईचारे का हिंदुस्तान चाहते हैं।'