ममता को दुर्गा के रूप में चित्रित करने का बीजेपी ने किया विरोध, मूर्ति बनाने वालों ने कहा, यह राजनीति का मुद्दा नहीं

कोलकाता की तीन समितियों ने मिलकर यह फैसला किया है कि वे सीएम ममता बनर्जी की लाभकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए उनकी मूर्ति बनाएंगे, जिसे पंडाल में रखा जाएगा, इसमें दस हाथों में हथियार रखने के बजाय ममता बनर्जी द्वारा राज्य में शुरू की गई योजनाओं को चित्रित किया जाएगा

Updated: Sep 04, 2021, 08:24 AM IST

Photo Courtesy: ANI
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की नजरूल पार्क उन्नयन समिति ने अन्य समितियों के साथ मिलकर सीएम ममता बनर्जी की एक मूर्ति तैयार करने का फैसला किया है। इस मूर्ति में मुख्यमंत्री को दुर्गा के रूप में चित्रित किया जाएगा। इसको लेकर बीजेपी ने ममता बनर्जी का विरोध करना शुरू कर दिया है। बीजेपी के इस विरोध पर मूर्ति बनाने वाली समिति ने कहा है कि यह कोई राजनीति का मुद्दा नहीं है, मूर्ति में मुख्यमंत्री द्वारा राज्य की जनता के लिए शुरू की गई लाभकारी योजनाओं का चित्रण किया जाएगा। 

ममता बनर्जी की मूर्ति बनाए जाने का बीजेपी ने विरोध किया है। मूर्ति बनाने वाली समितियों की इच्छा को आधार बनाकर बीजेपी ने ममता सरकार और खुद सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। बीजेपी यह आरोप लगा रही है कि ममता बनर्जी खुद को दुर्गा के रूप में चित्रित करवा कर हिंदू धर्म का अपमान कर रही हैं। 

हालांकि खुद मूर्ति बनाने वाली समितियां बीजेपी के इन आरोपों से इत्तेफाक नहीं रखतीं। नजरूल पार्क उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष पार्थ सरकार ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में हर कोई ममता बनर्जी को दुर्गा मां ही मानता है। बंगाल की जनता के लिए ममता बनर्जी ने जो काम किया वो किसी ने नहीं किया। 

वहीं मशहूर क्ले मॉडल मिंटू पाल भी बीजेपी के इन आरोपों को सही नहीं मानती। एक हिंदी न्यूज़ चैनल ने मिंटू पाल के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बकौल मिंटू पाल ये कोई राजनीति का मुद्दा नहीं है। ममता बनर्जी को दुर्गा के रूप में चित्रित ज़रूर किया जा रहा है, लेकिन इस चित्रण में उनकी लाभकारी योजनाओं को जगह दी गई है। ममता बनर्जी बंगाल की जनता के लिए लखीर भंडार, कन्याश्री, जुबोश्री, स्वास्थ्य साथी इत्यादि जैसी लाभकारी योजनाएं लेकर आई हैं। जिनसे बंगाल की जनता को लाभ पहुंचा है। ममता बनर्जी की मूर्ति के जरिए इन्हीं लाभकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की योजना है। 

वहीं टीएमसी नेता मदन मित्रा ने भी बीजेपी द्वारा किए जा रहे विरोध की निंदा की है। मदन मित्रा ने बीजेपी द्वारा ममता बनर्जी पर हिंदू धर्म का अपमान करने के लगाए जा रहे आरोपों के जवाब कहा है कि हिंदू धर्म एक बहुत बड़ा धर्म है। ममता बनर्जी बंगाल की दस करोड़ जनता की दिलों में रहती हैं। मदन मित्रा ने कहा है कि कई जगह पर तो लोगों को असुरों और दानवों की जगह नरेंद्र मोदी का चेहरा लगाते हुए देखा गया है। हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में हैं, लोग वही करते हैं, जो वे चाहते हैं। 

पश्चिम बंगाल में इस साल ममता बनर्जी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौटी हैं। बंगाल में सत्ता के ख्वाब देखने वाली बीजेपी के तमाम दावों को चुनावी परिणाम ने गलत साबित कर दिया। ममता बनर्जी पहले से ज्यादा ताकत के साथ सत्ता पर काबिज हो गईं। ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल में लोकप्रियता का बड़ा कारण उनकी सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को माना जाता है।

पश्चिम बंगाल की राजनीति पर बारीकी से नज़र रखने वाले 'द राइज ऑफ बीजेपी एंड फ्यूचर ऑफ टीएमसी' के लेखक संबित पाल ने भी अपनी किताब में इस बात का उल्लेख किया है कि ममता बनर्जी की लोकप्रियता में उनकी सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की बहुत बड़ी भूमिका है। संबित पाल ने अपनी किताब में कहा है कि बंगाल में किसी व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक के लिए ममता बनर्जी सरकार की विभिन्न योजनाएं हैं। इन योजनाओं ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की राजनीतिक जमीन मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।