हम हिंदू नहीं... आदिवासी हैं, हमारे पूजा-पाठ और विवाह का तरीका हिंदुओं से अलग: मंत्री कवासी लखमा

मंत्री कवासी लखमा ने यह भी कहा, आदिवासी को वनवासी कहा जाना गलत है। अगर कोई वनवासी बोलता है तो उसे गांव में न घुसने दें। हम आदिकाल से इस धरती पर रह रहे लोग हैं।

Updated: Feb 05, 2023, 07:24 AM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कद्दावर आदिवासी नेता और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा है कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं। उन्होंने कहा, "हम आदिकाल से इस धरती पर रह रहे लोग हैं। हमारे पूजा-पाठ और विवाह का तरीका हिंदुओं से अलग है।" मंत्री कवासी लखमा ने यह भी कहा कि आदिवासी को वनवासी कहना गलत है। अगर कोई वनवासी बोलता है तो उसे गांव में न घुसने दें।

रायपुर सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, "हम लोग आदिकाल से रहने वाले लोग हैं। हम लोग जंगल में रहते हैं। पूजा-पाठ करते हैं। हिंदू अलग करता है, हम अलग करते हैं। आदिवासी अगर शादी करता है तो गांव के पुजारी से पानी डलवाते हैं। हम किसी पंडित से पूजा नहीं कराते हैं। इसलिए हम लोग हिंदू से अलग हैं। हम जंगल में रहने वाले आदिवासी हैं।"

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इससे पहले कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में शुक्रवार को गोंडवाना समाज के पेन करसाड मांदरी और एक दिवसीय वार्षिक सम्मेलन का आयोजन हुआ था। इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए थे। वहां आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, हम आदिवासी लोग हैं। आदिवासी लोगों को भाजपा बोलती है वनवासी। हम वनवासी नहीं हैं। हम यहां के रहने वाले लोग हैं। इस धरती में पैदा हुए लोग हैं। आजादी से पहले या आजादी के बाद जंगल की रक्षा आदिवासी करता रहा है। देश की रक्षा आदिवासी करता है। 

सभा में कवासी लखमा ने कहा, "ये भाजपा, ये झोला छाप डॉक्टर रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल हम लोगों को बोलता है वनवासी। इनको मुंहतोड़ जवाब देना है। हम लोग वनवासी नहीं हैं, हम यहां के भगवान हैं। जहां आदिवासी होता है वहीं भगवान पैदा होता है। हम इस धरती के बच्चे हैं। हम बस्तर के लोग हैं। आज से कोई वनवासी नहीं बोलेगा। मैं आदिवासी भाइयों को कहना चाहता हूं कि जो वनवासी बोलेगा उसको गांव में घुसने मत देना।"