MP: शिकारियों के फैलाए करंट से हुई बाघ की मौत, एक नाबालिग समेत तीन गिरफ्तार
नर्मदापुरम जिले के बानापुरा रेंज के बांसपानी के जंगल में टाइगर का शिकार करने वाले 3 शिकारियों को टाइगर स्ट्राइक फोर्स और वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है।
नर्मदापुरम। टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में बाघ सुरक्षित नहीं हैं। राज्य में बाघों के शिकार के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। इसी बीच अब नर्मदापुरम जिले के बानापुरा रेंज के बांसपानी के जंगल में टाइगर का शिकार करने वाले 3 शिकारियों को टाइगर स्ट्राइक फोर्स और वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है। शिकार के तीनों आरोपी बांसपानी गांव के रहने वाले है। जिनमें एक नाबालिग है।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि टाइगर की मौत बिजली के करंट से हुई थी। मामले में एक चौकीदार को नौकरी से हटाने और वनरक्षक को सस्पेंड करने निर्देश सीसीएफ अशोक कुमार चौहान ने नर्मदापुरम डीएफओ को दिए है। आरोपियों ने बताया कि 3 दिसंबर को जंगली सूअर के शिकार के लिए फंदा लगाया था, लेकिन उसमें टाइगर चपेट में आ गया। करंट होने से उसकी मौत हो गई। तीनों ने टाइगर के शव को घसीटकर झाडियों में छिपा दिया था। इसके बाद वे गांव में चले गए।
वन विभाग की टीम ने शिकारियों के पास से तार और फंदा लगाने की खूंटिया जब्त कर ली गई हैं। अपराध में शामिल अन्य आरोपियों की भी टीम तलाश कर रही है। तीनों आरोपियों को आज सिवनी मालवा में कोर्ट पेश किया गया है। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। वन विभाग के अनुसार 11 दिसंबर बुधवार को बांसपानी के जंगलों में झाड़ियों में टाइगर का शव मिला था।
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शव मिलने के बाद से डीएफओ अनिल चोपड़ा के नेतृत्व में शिकारियों को पकड़ने के लिए वन विभाग और टाइगर स्ट्राइक फोर्स की टीमें चार दिनों से तलाशी अभियान चला रही थी। रविवार को टीम ने ग्राम बांसपानी से शिकारी कैलाश कोरकू, राम रतन और 16 साल के नाबालिग को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में शिकारी टूट गए, उन्होंने बताया कि वाइल्ड बोर (जंगली सूअर) आदि को पकड़ने के लिए बिजली के तार का फंदा लगाया था। सुबह जाकर देखा तो उसमें टाइगर मृत मिला।