SSA के तहत गैर भाजपा शासित राज्यों को फंड मिलने में देरी, दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र
समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्यों को धनराशि जारी करने में देरी को दूर करे सरकार, दिग्विजय सिंह ने शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को पत्र लिखकर समय पर फंड देने की उठाई मांग।
नई दिल्ली। समग्र शिक्षा अभियान (SSA) के तहत गैर भाजपा शाशित राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा फंड मिलने में देरी का मामला सामने आया है। संसद की शिक्षा, बाल, युवा मामले एवं खेल सम्बन्धी स्थायी समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है। उन्होंने शिक्षा मंत्री से राज्यों को आवंटित की जाने वाली धनराशि जारी करने में देरी के मुद्दे पर ध्यान देने का आग्रह किया है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को संबोधित पत्र में दिग्विजय सिंह ने कहा है कि, 'तमिलनाडु, केरल एवं पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों ने SSA के तहत केंद्रीय निधि के अपने हिस्से को प्राप्त करने में देरी की सूचना दी है। इस वजह से बुनियादी ढांचे के निर्माण, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अन्य आवश्यक हस्तक्षेपों सहित महत्वपूर्ण शैक्षणिक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।'
सिंह ने पत्र में लिखा है कि, 'सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम सार्वभौमिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने और देश भर में शिक्षा प्रणाली में असमानताओं को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है। राशि आवंटन की इस तरह की देरी न केवल प्रगति में बाधा डालती है बल्कि योजना के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास करने वाले हितधारकों को भी हतोत्साहित करती है।'
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सिंह ने लिखा है कि इससे राज्यों पर वित्तीय दबाव भी पड़ा है, जिनमें से कई पहले से ही शिक्षा क्षेत्र की मांगों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। खासकर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में इस स्थिति से शिक्षा की गुणवत्ता और समावेशिता को बढ़ाने के प्रयासों को पटरी से उतारने का जोखिम है।
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आग्रह किया है कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान दें और राज्यों को समय पर धनराशि जारी करने को सुनिश्चित करें। इस पत्र के माध्यम से दिग्विजय सिंह ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि वे इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई करें और राज्यों को योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने में सक्षम बनाएं।