Farmers Protest Live Updates: किसानों ने फिर कहा, कृषि कानूनों की वापसी चाहिए, संशोधन पर नहीं करेंगे बात

सातवें दौर की वार्ता में भी सरकार ने नहीं मानी किसानों की बात, अब 8 जनवरी को फिर मिलेंगे, कृषि मंत्री तोमर ने कहा, किसान संगठन क़ानून वापसी पर अड़े, इसलिए नहीं निकला समाधान

Updated: Jan 05, 2021 01:09 AM IST

हमें क़ानूनों की वापसी चाहिए उनके प्रावधानों पर चर्चा नहीं : किसान नेता

सरकार के साथ सातवें दौर की चर्चा में शामिल किसान नेताओं का कहना है कि सरकार हमें कृषि कानूनों के प्रावधानों की चर्चा और संशोधन में उलझाना चाहती है, लेकिन हमें यह मंज़ूर नहीं है। भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह ने बताया कि चर्चा के दौरान कृषि मंत्री ने कानूनों पर बिंदुवार बात करने का प्रस्ताव रखा, जिसे हमने ठुकरा दिया। हमने सरकार से कहा है कि इन कानूनों पर चर्चा का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि हम चाहते हैं कि इन कानूनों को पूरी तरह वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार हमें कानून में संशोधन की तरफ ले जाना चाहती है, लेकिन हम इससे स्वीकार नहीं करेंगे।

 

 

किसानों के क़ानून वापसी पर अड़ने के कारण नहीं निकला समाधान: कृषि मंत्री

किसानों के क़ानून वापसी पर अड़ने के कारण नहीं निकला समाधान: कृषि मंत्री

Photo Courtesy: Twitter/ANI

किसान नेताओं के साथ सातवें दौर की वार्ता खत्म होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों के हर प्रावधान पर बात करना चाहती थी। लेकिन किसान संगठन कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े रहे। इसी वजह से आज भी बैठक में कोई समाधान नहीं निकल सका। हालांकि तोमर ने इसके साथ ही यह उम्मीद भी जाहिर की है कि बातचीत के अगले दौर में कोई न कोई समाधान ज़रूर निकल आएगा।

 

 

तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने को सरकार राज़ी नहीं

किसानों और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत भी बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई है। मोदी सरकार के बनाए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देने के सवाल पर किसानों और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बन सकी। सरकार चालीस दिन से जारी किसान आंदोलन और इस दौरान साठ किसानों की शहादत के बावजूद अपनी ज़िद पर अड़ी हुई है। किसान भी अपनी मांगों से पीछे हटने के मूड में नहीं हैं। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक बैठक के दौरान किसान नेता लगातार कानूनों की वापसी पर ही ज़ोर देते रहे। जिसके बाद सरकार ने कहा कि वो इस बारे में और सलाह मशविरा करने के बाद किसानों से फिर बात करेगी। इसी के बाद तय किया गया 8 जनवरी को दोनों पक्षों में फिर से बात होगी।

कृषि मंत्री ने कहा सभी मुद्दों पर बात करेंगे

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है किसानों के साथ आज की बातचीत में सभी मुद्दों पर खुलकर बात होगी। उन्होंने आज की बातचीत में सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद भी जाहिर की है। तोमर ने ये बात वार्ता शुरू होने से कुछ देर पहले मीडिया से कही। 

 

 

वार्ता के दौरान आंदोलन में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि

वार्ता के दौरान आंदोलन में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि

Photo Courtesy: Twitter/ANI

किसानों के साथ सातवें दौर की वार्ता के दौरान आज केंद्रीय मंत्रियों, अफसरों और किसान नेताओं ने आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े होकर दो मिनट का मौन रखा। 

 

वार्ता से पहले किसान नेताओं ने भी ज़ाहिर की समाधान की उम्मीद

वार्ता से पहले किसान नेताओं ने भी ज़ाहिर की समाधान की उम्मीद

Photo courtesy: Twitter/ANI

सरकार के साथ सातवें दौर की वार्ता के लिए दिल्ली के विज्ञान भवन पहुंचे किसान नेताओं ने आज की बातचीत में सार्थक परिणाम निकलने की उम्मीद जाहिर की है। एक किसान नेता ने कहा कि वे नए साल में वार्ता के सफल होने की उम्मीद कर रहे हैं।  

 

 

आंदोलन में अब तक 60 किसानों की मौत, सरकार दे जवाब: राकेश टिकैत

सरकार के साथ सातवें दौर की बातचीत से कुछ देर पहले पिछले दौर की तमाम वार्ताओं में शामिल एक किसान नेता ने आंदोलनकारी किसानों की मौत के लिए सरकार को जवाबदेह बताया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 60 किसानों की जान जा चुकी है। औसतन हर 16 घंटे में एक किसान की शहादत हुई है। इस बारे में जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है। 

 

 

सातवें दौर की वार्ता आज, क्या निकलेगा कोई समाधान

सातवें दौर की वार्ता आज, क्या निकलेगा कोई समाधान

Photo Courtesy: Business Journal

मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच आज सातवें दौर की बातचीत होनी है। इससे पहले 30 दिसंबर को हुई बातचीत में किसानों की   दो मांगों पर सहमति बन चुकी है। जिन जो मसलों पर सहमति बनी है उनमें एक पराली जलाने के मामले में किसानों पर कार्रवाई नहीं किए जाने का है। साथ ही सरकार नए बिजली बिल में किसानों से जुड़े प्रावधानों में बदलाव नहीं करने पर भी सहमत हो गई है। लेकिन किसानों की दो सबसे बड़ी मांगों पर अब तक कोई रजामंदी नहीं बन सकी है। इनमें पहली मांग तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी और दूसरी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देने की है। आज की वार्ता में मुख्य तौर पर इन्हीं दो मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है। इस बीच किसान चेतावनी दे चुके हैं कि अगर उनकी मांगें सरकार ने नहीं मानीं तो 26 जनवरी को हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली की गणतंत्र परेड में हिस्सा लेने के लिए आगे बढ़ेंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश सरकार की तरफ से वार्ता में शामिल होंगे। किसानों की तरफ से हर बार की तरह  40 नेता बातचीत में हिस्सा लेंगे।

अभिनेता धर्मेंद्र ने फिर किया किसानों का समर्थन

किसानों और सरकार के बीच सातवें दौर की वार्ता से पहले वरिष्ठ अभिनेता और पूर्वी बीजेपी सांसद धर्मेंद्र ने एक बार फिर से आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है। धर्मेंद्र ने लिखा है, "आज मेरे किसान भाइयों को इंसाफ मिल जाए। जी जान से अरदास करता हूं। हर नेक रूह को सुकून मिल जाए।"

 

 

क़ानून वापसी और MSP की गारंटी की मांग पर अडिग हैं किसान

क़ानून वापसी और MSP की गारंटी की मांग पर अडिग हैं किसान

Photo Courtesy : Twitter/ANI

सरकार के साथ सातवें दौर की वार्ता से पहले किसान नेता अपने रुख पर अडिग रहने की बात कर रहे हैं। किसान मज़दूर संघर्ष समिति के ज्वाइंट सेक्रेटरी सुखविंदर एस साबरा ने कहा है कि हम कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी की अपनी मांगों पर पहले की तरह डटे हुए हैं। अगर सरकार ने ये मांगें नहीं मानीं तो हम पहले 6 जनवरी और फिर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।