Farmers Protest Live Updates: किसानों ने फिर कहा, कृषि कानूनों की वापसी चाहिए, संशोधन पर नहीं करेंगे बात
सातवें दौर की वार्ता में भी सरकार ने नहीं मानी किसानों की बात, अब 8 जनवरी को फिर मिलेंगे, कृषि मंत्री तोमर ने कहा, किसान संगठन क़ानून वापसी पर अड़े, इसलिए नहीं निकला समाधान
हमें क़ानूनों की वापसी चाहिए उनके प्रावधानों पर चर्चा नहीं : किसान नेता
सरकार के साथ सातवें दौर की चर्चा में शामिल किसान नेताओं का कहना है कि सरकार हमें कृषि कानूनों के प्रावधानों की चर्चा और संशोधन में उलझाना चाहती है, लेकिन हमें यह मंज़ूर नहीं है। भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह ने बताया कि चर्चा के दौरान कृषि मंत्री ने कानूनों पर बिंदुवार बात करने का प्रस्ताव रखा, जिसे हमने ठुकरा दिया। हमने सरकार से कहा है कि इन कानूनों पर चर्चा का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि हम चाहते हैं कि इन कानूनों को पूरी तरह वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार हमें कानून में संशोधन की तरफ ले जाना चाहती है, लेकिन हम इससे स्वीकार नहीं करेंगे।
The minister wanted us to discuss the law point-wise. We rejected it and said that there is no point in discussing the laws because we want a complete rollback of the laws. Govt intends to take us towards amendments but we will not accept it: Yudhvir Singh, Bhartiya Kisan Union https://t.co/qI6PmeHM07 pic.twitter.com/Tg45c9q8SR
— ANI (@ANI) January 4, 2021
किसानों के क़ानून वापसी पर अड़ने के कारण नहीं निकला समाधान: कृषि मंत्री

किसान नेताओं के साथ सातवें दौर की वार्ता खत्म होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों के हर प्रावधान पर बात करना चाहती थी। लेकिन किसान संगठन कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े रहे। इसी वजह से आज भी बैठक में कोई समाधान नहीं निकल सका। हालांकि तोमर ने इसके साथ ही यह उम्मीद भी जाहिर की है कि बातचीत के अगले दौर में कोई न कोई समाधान ज़रूर निकल आएगा।
Looking at today's discussion, I hope that we will have a meaningful discussion during our next meeting and we will come to a conclusion: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/qI6PmeHM07
— ANI (@ANI) January 4, 2021
तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने को सरकार राज़ी नहीं
किसानों और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत भी बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई है। मोदी सरकार के बनाए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देने के सवाल पर किसानों और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बन सकी। सरकार चालीस दिन से जारी किसान आंदोलन और इस दौरान साठ किसानों की शहादत के बावजूद अपनी ज़िद पर अड़ी हुई है। किसान भी अपनी मांगों से पीछे हटने के मूड में नहीं हैं। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक बैठक के दौरान किसान नेता लगातार कानूनों की वापसी पर ही ज़ोर देते रहे। जिसके बाद सरकार ने कहा कि वो इस बारे में और सलाह मशविरा करने के बाद किसानों से फिर बात करेगी। इसी के बाद तय किया गया 8 जनवरी को दोनों पक्षों में फिर से बात होगी।
कृषि मंत्री ने कहा सभी मुद्दों पर बात करेंगे
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है किसानों के साथ आज की बातचीत में सभी मुद्दों पर खुलकर बात होगी। उन्होंने आज की बातचीत में सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद भी जाहिर की है। तोमर ने ये बात वार्ता शुरू होने से कुछ देर पहले मीडिया से कही।
I am hopeful that we will find a positive solution today. We will discuss all issues in the meeting: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on today's talks with farmers pic.twitter.com/fxnQDS2KKx
— ANI (@ANI) January 4, 2021
वार्ता के दौरान आंदोलन में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि

किसानों के साथ सातवें दौर की वार्ता के दौरान आज केंद्रीय मंत्रियों, अफसरों और किसान नेताओं ने आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े होकर दो मिनट का मौन रखा।
वार्ता से पहले किसान नेताओं ने भी ज़ाहिर की समाधान की उम्मीद

सरकार के साथ सातवें दौर की वार्ता के लिए दिल्ली के विज्ञान भवन पहुंचे किसान नेताओं ने आज की बातचीत में सार्थक परिणाम निकलने की उम्मीद जाहिर की है। एक किसान नेता ने कहा कि वे नए साल में वार्ता के सफल होने की उम्मीद कर रहे हैं।
Delhi: A delegation of farmer leaders arrive at Vigyan Bhawan for talks with Union Government on the three Farm Laws
— ANI (@ANI) January 4, 2021
"We hope there is a breakthrough in this meeting in the new year," says a farmer leader pic.twitter.com/oFG4ERdzFO
आंदोलन में अब तक 60 किसानों की मौत, सरकार दे जवाब: राकेश टिकैत
सरकार के साथ सातवें दौर की बातचीत से कुछ देर पहले पिछले दौर की तमाम वार्ताओं में शामिल एक किसान नेता ने आंदोलनकारी किसानों की मौत के लिए सरकार को जवाबदेह बताया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 60 किसानों की जान जा चुकी है। औसतन हर 16 घंटे में एक किसान की शहादत हुई है। इस बारे में जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है।
So far, 60 farmers have lost their lives during the protest. One farmer is dying every 16 hours. It is the responsibility of the government to answer: Rakesh Tikait, Spox, Bharatiya Kisan Union at Gazipur border
— ANI (@ANI) January 4, 2021
The seventh round of talks between govt & farmers to be held today. pic.twitter.com/RrlEyHrFN3
सातवें दौर की वार्ता आज, क्या निकलेगा कोई समाधान

मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच आज सातवें दौर की बातचीत होनी है। इससे पहले 30 दिसंबर को हुई बातचीत में किसानों की दो मांगों पर सहमति बन चुकी है। जिन जो मसलों पर सहमति बनी है उनमें एक पराली जलाने के मामले में किसानों पर कार्रवाई नहीं किए जाने का है। साथ ही सरकार नए बिजली बिल में किसानों से जुड़े प्रावधानों में बदलाव नहीं करने पर भी सहमत हो गई है। लेकिन किसानों की दो सबसे बड़ी मांगों पर अब तक कोई रजामंदी नहीं बन सकी है। इनमें पहली मांग तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी और दूसरी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देने की है। आज की वार्ता में मुख्य तौर पर इन्हीं दो मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है। इस बीच किसान चेतावनी दे चुके हैं कि अगर उनकी मांगें सरकार ने नहीं मानीं तो 26 जनवरी को हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली की गणतंत्र परेड में हिस्सा लेने के लिए आगे बढ़ेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश सरकार की तरफ से वार्ता में शामिल होंगे। किसानों की तरफ से हर बार की तरह 40 नेता बातचीत में हिस्सा लेंगे।
अभिनेता धर्मेंद्र ने फिर किया किसानों का समर्थन
किसानों और सरकार के बीच सातवें दौर की वार्ता से पहले वरिष्ठ अभिनेता और पूर्वी बीजेपी सांसद धर्मेंद्र ने एक बार फिर से आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है। धर्मेंद्र ने लिखा है, "आज मेरे किसान भाइयों को इंसाफ मिल जाए। जी जान से अरदास करता हूं। हर नेक रूह को सुकून मिल जाए।"
Aaj , mere kisaan bhaiyon ko insaaf mil jaye . Ji jaan se Ardaas karta hoon Har nek rooh ko sakoon mil jaye ga ...... pic.twitter.com/27VJJLatTr
— Dharmendra Deol (@aapkadharam) January 4, 2021
क़ानून वापसी और MSP की गारंटी की मांग पर अडिग हैं किसान

सरकार के साथ सातवें दौर की वार्ता से पहले किसान नेता अपने रुख पर अडिग रहने की बात कर रहे हैं। किसान मज़दूर संघर्ष समिति के ज्वाइंट सेक्रेटरी सुखविंदर एस साबरा ने कहा है कि हम कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी की अपनी मांगों पर पहले की तरह डटे हुए हैं। अगर सरकार ने ये मांगें नहीं मानीं तो हम पहले 6 जनवरी और फिर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।
Our demands are the same as before-repeal the three farm laws & guarantee MSP. If our demands aren't met, then, we'll hold tractor march on Jan 6 & also on Jan 26: Sukhwinder S Sabra, Joint Secy, Kisan Mazdoor Sangharsh Committee, Punjab ahead of seventh round of talks with govt pic.twitter.com/mDE2yr7k8W
— ANI (@ANI) January 4, 2021