केंद्र के खिलाफ कर्नाटक सरकार का दिल्ली में प्रदर्शन, मोदी सरकार पर टैक्स शेयरिंग में भेदभाव का आरोप

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, सभी 34 मंत्री और 135 विधायक विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए।

Updated: Feb 07, 2024, 06:48 PM IST

नई दिल्ली। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने टैक्स शेयरिंग में भेदभाव को लेकर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्नाटक सरकार ने बुधवार को केंद्र के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया। जंतर मंतर पर आयोजित इस प्रदर्शन के दौरान सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य से लिए गए 100 रुपये में से केंद्र सरकार हमें 12 से 13 रुपये ही वापस देती है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, सभी 34 मंत्री और 135 विधायक विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए। कर्नाटक सरकार की मांग है कि केंद्र संविधान के नियमों के हिसाब से ही राज्य को पर्याप्त वित्तीय संसाधन मुहैया कराए। सीएम सिद्दारमैया ने कहा कि केंद्र ने राज्य को जो वादा किया था उसका उचित हिस्सा राज्य को नहीं मिल रहा है इसलिए ये विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

सीएम सिद्दारमैया ने कहा कि ये विरोध राजनीतिक नहीं है। उन्होंने कहा, 'आज हम ऐतिहासिक जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, सभी 34 मंत्री और 135 विधायक विरोध-प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं। यह राज्य और कर्नाटक के लोगों के हित में किया गया एक विरोध-प्रदर्शन है। आयकर, जीएसटी, उपकर, अधिभार और सीमा शुल्क के जरिए कर्नाटक केंद्र को 4.30 लाख करोड़ रुपये का टैक्स दे रहा है। लेकिन केंद्र की ओर से राज्य से लिए गए 100 रुपये में से 12 से 13 रुपये ही वापस दिये जाते हैं।'

सिद्दारमैया ने आगे कहा, 'कर्नाटक को महज 50,257 करोड़ रुपये मिल रहे हैं। जबकि उत्तर प्रदेश को 2.80 लाख करोड़ रुपये और बिहार को एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा दिए गए हैं। पांच साल पहले कर्नाटक को 50 हजार करोड़ रुपये मिलते थे। आज जब बजट का आकार दोगुना हो गया है, तब भी राज्य को केवल 50,257 करोड़ रुपये मिल रहे हैं। क्या यह अन्याय नहीं है? यदि संसाधनों का बंटवारा 1971 की जनगणना के अनुसार किया जाता है तो कोई अन्याय नहीं होता, मौजूदा वक्त में बंटवारा 2011 की जनगणना के अनुसार किया जाता है। जिन राज्यों ने जनसंख्या को नियंत्रित नहीं किया है उन्हें ज्यादा आवंटन दिया जाता है।'

इस दौरान कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, 'हमें विश्वास है कि हमें न्याय मिलने वाला है. यहां तक कि वे भी (केंद्र सरकार) जानते हैं कि अन्याय हुआ है। हम कर्नाटक के लिए न्याय मांग रहे हैं। कर्नाटक देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। हम देश में सबसे ज्यादा राजस्व देते हैं। हम सिर्फ अपना अधिकार मांग रहे हैं यानी हमें राजस्व में अपना हिस्सा मिले। बता दें कि कर्नाटक के अलावा केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना भी केंद्र सरकार पर फंड्स के बंटवारे में भेदभाव का आरोप लगा चुके हैं।