दिल्ली में कैंसर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़, नकली दवा बनाने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़

कैंसर कीमोथेरेपी के नकली दवाई की फैक्ट्री का पर्दाफाश, दिल्ली के दो बड़े कैंसर हॉस्पिटल के दो स्टाफ के साथ 07 गिरफ्तार

Updated: Mar 13, 2024, 11:40 AM IST

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में नकली दवा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली दवाइयां बनाने और सप्लाई करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, इनमें दिल्ली के कैंसर के जाने माने अस्पताल के दो कर्मचारी भी शामिल हैं।

सभी आरोपी कैंसर के 1.96 लाख रुपये के इंजेक्शन में नकली दवाइयां भरकर बेचते थे। कैंसर की इन नकली दवाईयों को फार्मासिस्ट सिर्फ देश ही नहीं बल्कि चीन और अमेरिका जैसे देशों में भी सप्लाई करते थे। क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के कब्जे से 89 लाख रुपये नकद, 18 हजार रुपये के डॉलर और चार करोड़ रुपये की 7 अंतरराष्ट्रीय और 2 भारतीय ब्रांडों की नकली कैंसर दवाएं बरामद की है।

 स्पेशल सीपी क्राइम ब्रांच शालिनी सिंह के मुताबिक, तीन महीने की जांच के बाद उनकी टीम ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम ने दिल्ली-एनसीआर में 7- 8 जगहों पर एक साथ छापेमारी की। रेड के दौरान डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, मोती नगर के दो फ्लैट में नकली दवाइयां बनाते हुए पकड़ी गईं।

पुलिस ने बताया कि यहां पर विफिल जैन नाम के एक आरोपी ने दवा और इंजेक्शन लगाने का यूनिट लगाई हुई थी। विफिल जैन ही नकली दवा के इस रैकेट का सरगना है। इन जगहों पर नकली कैंसर की दवा को शीशियों को फिर से भरने और बनाने के लिए यानि रीफिलिंग और पैकेजिंग का काम किया था जाता था। पुलिस ने फ्लेट्स से 3 कैप सीलिंग मशीनें, 1 हीट गन मशीन और 197 खाली शीशियां बरामद की हैं।

वहीं दिल्ली स्थित कैंसर अस्पताल के दो कर्मचारी कोमल तिवारी और अभिनय कोहली को भी गिरफ्तार किया गया। ये लोग अस्पताल में खाली हुई शीशियों को इन आरोपियों को उपलब्ध कराते थे। पुलिस ने नकली दवा का रैकेट चलाने के मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम विफिल जैन, नीरज चौहान, परवेज़, कोमल तिवारी, अभिनय कोहली और तुषार चौहान हैं।