NCERT की किताबों से हटाई जा रही संविधान की प्रस्तावना, संसद में कांग्रेस अध्यक्ष ने जताई आपत्ति
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने NCERT की किताबों से संविधान की प्रस्तावना हटाए जाने का मुद्दा उठाया। इस दौरान सदन में हंगामा भी हुआ। विपक्ष के नेता ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना समानता, न्याय को दर्शाता है।
नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने NCERT की किताबों से संविधान की प्रस्तावना हटाए जाने का मुद्दा उठाया। इस दौरान सदन में हंगामा भी हुआ। विपक्ष के नेता ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना समानता, न्याय को दर्शाता है।
खड़गे ने कहा कि बीजेपी ने पराजय के बाद पहले तो बाबा साहब की प्रतिमा को हटाया, अब बीजेपी और संघ अपनी सांप्रदायिक विचारधारा को थोपने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया जिसे देश की जनता स्वीकार नहीं करेगी। इसपर जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष के नेता को ये ध्यान रखना चाहिए कि किस सोर्स से आया है। सोर्स अखबार की कतरनें नहीं होती हैं, पुस्तकें होती हैं।
जेपी नड्डा कहा कि मोदी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार ने जितना संविधान को आदर देकर चलने का तय किया है, उतना किसी सरकार ने नहीं किया है। संविधान की प्रस्तावना में किसी तरह के छेड़छाड़ का सवाल ही नहीं उठता। इस पूरे मामले पर खड़गे ने ट्वीट कर सरकार से तीन सवाल भी पूछे हैं और जवाब मांगा है। साथ ही नेता सदन और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा मुद्दे को भटकाने का प्रयास करने के आरोप लगाए हैं।
खड़गे के तीन सवाल
1) विश्व के महान नायक, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी और संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ अंबेडकर जी की प्रतिमाओं को संसद में विपक्ष से बिना सलाह-मशवरा किए संसद के एक कोने में स्थानांतरित कर दिया गया, क्या ये संविधान की मूल भावना (Preamble) के विरुद्ध नहीं था?
2) क्या ये सच नहीं है कि BJP-RSS, जनसंघ और उनके राजनीतिक पुरखों ने भारत के संविधान और भारतीय तिरंगे का कड़ा विरोध किया, यहाँ तक की संविधान की प्रतियां जलाई, राम लीला मैदान में संविधान के ख़िलाफ़ रैली निकाली और कहा था कि भारत में संविधान नहीं बल्कि मनुस्मृति लागू होनी चाहिए थी?
3) क्या ये सही नहीं है कि 1951-52 के लोकसभा चुनावों में अखिल भारतीय राम राज्य परिषद, जिसे भाजपा अपना राजनीतिक पूर्वज मानती है, उसने बाबासाहेब डॉ अंबेडकर के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा किया था? अखिल भारतीय राम राज्य परिषद का विलय 1971 में जनसंघ में हो गया था। जनसंघ का ही नाम बदल कर बाद में बीजेपी किया गया। बाबासाहेब डॉ अंबेडकर के संबंध में भाजपा का पाखंड अब जगजाहिर है।
खड़गे ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में देश की 140 करोड़ जनता ने मोदी जी का 400 पार नारे के सपने को चकनाचूर किया तो बौखलाहट में मोदी सरकार बच्चों की पाठ्यपुस्तक के साथ छेड़छाड़ कर पिछले दरवाजे से संविधान के साथ छेड़छाड़ करने पर तुली हुई है। यह इनका संविधान के लिये द्वेष और इनका असली चरित्र दिखाता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देगी।