प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला के आंखों से हटाई पट्टी, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी भड़के

19 जनवरी को रामलला की प्रतिमा की पूरी तस्वीर सामने आई। इसमें पहली बार रामलला का पूरा चेहरा दिखा। इसे मीडिया में खूब दिखाया गया। अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी ने इसपर आपत्ति जताई है।

Updated: Jan 20, 2024, 12:43 PM IST

अयोध्या। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा धार्मिक ध्रुवीकरण में जुटी हुई है। महंगाई, बेरोजगारी जैसे तमाम असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए मोदी सरकार द्वारा अर्धनिर्मित राम मंदिर का उद्घाटन कराया जा रहा है। मीडिया के माध्यम से इसे लेकर माहौल बनाने में भाजपा ने एड़ी-चोटी की जोर लगा दी है। बावजूद प्राण प्रतिष्ठा से पहले विवाद नहीं थम रहे हैं। अब रामलला के आंखों से पट्टी हटाए जाने को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी ही नाराज हो गए हैं।

दरअसल, अयोध्या में 16 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान जारी है। शनिवार 20 जनवरी को अनुष्ठान का पांचवां दिन है। 19 जनवरी यानी चौथे दिन को रामलला की प्रतिमा की पूरी तस्वीर सामने आई। इसमें पहली बार रामलला का पूरा चेहरा दिखा। इस सभी टीवी चैनलों में लगातार दिखाया गया। प्राण प्रतिष्ठा से पहले नई प्रतिमा से पट्टी हटाए जाने को लेकर राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने आपत्ति जताते हुए जांच की मांग की है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले नई प्रतिमा में भगवान की आंखों से कपड़ा नहीं हटा सकते। प्रतिमा में आंखों पर कपड़ा नहीं दिख रहा है तो यह गलत है। इसकी जांच होनी चाहिए। बता दें कि चुनाव से ठीक पहले सियासी लाभ के लिए भाजपा सरकार द्वारा आनन फानन में राम मंदिर का उद्घाटन कराया जा रहा है। इसे लेकर देश के चारो शंकराचार्य से लेकर तमाम बड़े धर्माचार्य नाराज हैं। 

शंकराचार्यों ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से इनकार कर दिया है। हाल ही में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज को पत्र लिखकर नई मूर्ति स्थापना को लेकर आपत्ति जताई थी। शंकराचार्य ने पूछा कि यदि नवीन मूर्ति की स्थापना की जाएगी तो श्रीरामलला विराजमान का क्या होगा? उन्होंने कहा कि अभी तक राम भक्त यही समझते थे कि यह नया मंदिर श्रीरामलला विराजमान के लिए बनाया जा रहा है पर अब किसी नई मूर्ति के निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठा के लिए लाए जाने पर आशंका प्रकट हो रही है कि कहीं इससे श्रीरामलला विराजमान की अपेक्षा ना हो जाए।