Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी टनल से सुरक्षित निकाले गए सभी 41 मजदूर, 17 दिन चला रेस्क्यू ऑपरेशन

सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों में से पहले श्रमिक को जैसे ही बाहर निकाला गया, तो बाहर मौजूद सभी के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। वहां पर मौजूद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाहर निकले मजदूरों से बातचीत की और उनका हाल जाना।

Updated: Nov 29, 2023 02:23 AM IST

Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड की उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को आखिकार रेस्क्यू कर लिया गया। रेस्क्यू टीम के सदस्य हरपाल सिंह ने बताया कि शाम 7 बजकर 5 मिनट पर पहला ब्रेक थ्रू मिला था। पाइप पुशिंग का काम मलबे के आर-पार होने के बाद मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की तैयारी शुरू हुई। NDRF के जवान मजूदरों को रेस्क्यू करने के लिए अंदर गए। एक-एक करके सभी 41 मजदूरों को बाहर लाया गया।

सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकले

उत्तराखंड की उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को आखिकार रेस्क्यू कर लिया गया। रेस्क्यू टीम के सदस्य हरपाल सिंह ने बताया कि शाम 7 बजकर 5 मिनट पर पहला ब्रेक थ्रू मिला था। पाइप पुशिंग का काम मलबे के आर-पार होने के बाद मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की तैयारी शुरू हुई। NDRF के जवान मजूदरों को रेस्क्यू करने के लिए अंदर गए। एक-एक करके सभी 41 मजदूरों को बाहर लाया गया।

टनल के अंदर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए गए

टनल के अंदर ऑक्सीजन सिलेंडर भी भेजे गए हैं। टनल के अंदर मजदूरों को निकालने के लिए सभी उपकरण धीरे-धीरे पहुंचाए जा रहे हैं। बता दें कि करीब 17 दिन से 41 मजदूर फंसे हुए थे। मजदूरों को निकालने के लिए पहले हॉरिजोन्टल ड्रिलिंग की गई और फिर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हुई। जब इन दोनों तरीकों से सफलता नहीं मिली तो अंत में रैट माइनर्स के जरिए मैनुअल खुदाई शुरू की गई।

41 एंबुलेंस तैनात

सिलक्यारा सुरंग के बाहर 41 एंबुलेंस को डॉक्टर्स की टीम के साथ तैनात कर दिया गया है, ताकि जैसे ही मजदूर बाहर निकलें उनको जरूरत के हिसाब से इलाज दिया जा सके। इंडियन एयरफोर्स की टीम भी स्टैंडबाई पर है। यदि किसी को एयरलिफ्ट की आवश्यकता पड़ी तो वो भी किया जाएगा।

टनल के अंदर एम्बुलेंस बनाया अस्पताल

टनल के अंदर एम्बुलेंस के अलावा स्ट्रेचर और गद्दे पहुंचाए गए हैं। यहां अस्पताल बना दिया गया है। रेस्क्यू के बाद मजदूरों को यही रखा जाएगा। इसके बाद इन्हें 30-35 KM दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। जहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। अगर किसी मजदूर की हालत खराब हुई, तो उन्हें फौरन एयरलिफ्ट कर AIIMS ऋषिकेश भेजा जाएगा। चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर चिनूक हेलिकॉप्टर तैनात किया गया है। यदि किसी मजदूर की तबीयत बिगड़ी, तो उसको हेलिकॉप्टर से तुरंत ऋषिकेश AIIMS भेज दिया जाएगा।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ लाए जाएंगे मजदूर

बचाव का इंतजार कर रहे 41 श्रमिकों को उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से बाहर निकलने के बाद चिकित्सा के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ लाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह भी टनल के पास पहुंच चुके हैं। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी टनल के अंदर पहुंचे हुए हैं। टनल के बाहर स्थानीय लोगों के साथ-साथ मजदूरों के परिजन भी पहुंचे हुए हैं।

टनल के बाहर फूल-माला लेकर लोग मौजूद

टनल के बाहर मजदूरों और रेस्क्यू टीम के लिए मालाएं लाई गई हैं। उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के परिवार के सदस्यों का कहना है, ”हमें खुशी है कि उन्हें जल्द ही बचा लिया जाएगा। हम उनका अच्छे तरीके से स्वागत करना चाहते हैं।" हमने उनसे कहा था कि बचाव दल जल्द ही उन तक पहुंच जाएगा। परिजन अब अपना सामान लेकर टनल के अंदर जा रहे हैं।