ये कैसा अमृतकाल, नौकरियां क्यों खत्म हो रही हैं, राहुल गांधी ने आंकड़े जारी कर केंद्र पर बोला हमला
देश के पीएसयू को अगर सरकार से समर्थन मिले तो वो खुद ही युवाओं को नौकरी देने और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए काफी हैं, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है: राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश में बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस नेता ने पूछा कि ये कैसा अमृतकाल है, नौकरियां क्यों खत्म हो रही हैं? उन्होंने बेरोजगारी के आंकड़े जारी कर पीएम मोदी पर झूठे वादे करने का आरोप भी लगाया।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "पीएसयू भारत की शान हुआ करते थे और रोज़गार के लिए हर युवा का सपना हुआ करते थे। मगर, आज ये सरकार की प्राथमिकता नहीं हैं। देश के पीएसयू में रोज़गार, 2014 में 16.9 लाख से कम हो कर 2022 में मात्र 14.6 लाख रह गए हैं। क्या एक प्रगतिशील देश में रोज़गार घटते हैं?
BSNL में 1,81,127 रोज़गार घटे, SAIL में 61,928, MTNL में 34,997, SECL में 29,140
FCI में 28,063, ONGC में 21,120."
पीएसयू भारत की शान हुआ करते थे और रोज़गार के लिए हर युवा का सपना हुआ करते थे। मगर, आज ये सरकार की प्राथमिकता नहीं हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 18, 2023
देश के पीएसयू में रोज़गार, 2014 में 16.9 लाख से कम हो कर 2022 में मात्र 14.6 लाख रह गए हैं। क्या एक प्रगतिशील देश में रोज़गार घटते हैं?
BSNL में 1,81,127…
कांग्रेस नेता ने आगे लिखा, "हर साल 2 करोड़ रोज़गार का झूठा वादा करने वालों ने नौकरियां बढ़ाने की जगह 2 लाख से ज़्यादा खत्म कर दीं। इसके ऊपर इन संस्थानों में कॉन्ट्रैक्ट भर्तियां लगभग दोगुनी कर दीं। क्या कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी बढ़ाना आरक्षण का संवैधानिक अधिकार छीनने का तरीका नहीं है? क्या ये आखिर में इन कंपनियों के निजीकरण की साज़िश है? उद्योगपतियों का ऋण माफ, और PSU’s से सरकारी नौकरियां साफ! ये कैसा अमृतकाल?"
राहुल गांधी ने आगे लिखा, "अगर यह वाकई में 'अमृतकाल' है तो नौकरियां इस तरह गायब क्यों हो रही हैं? देश इस सरकार के दौर में रिकॉर्ड बेरोज़गारी से जूझ रहा है क्योंकि लाखों युवाओं की उम्मीदों को कुछ पूंजीपति मित्रों के फायदे के लिए कुचला जा रहा है। भारत के पीएसयू को अगर सरकार से सही वातावरण और समर्थन मिले, वो अर्थव्यवस्था और रोज़गार दोनों को बढ़ाने में समर्थ हैं। पीएसयू देश और देशवासियों की संपत्ति हैं, उन्हें आगे बढ़ाना है, ताकि वो भारत की प्रगति के मार्ग को मज़बूत कर सकें।"