झाबुआ: छात्रवृति के लिए भूखे-प्यासे 32KM पैदल चलकर कलेक्ट्रेट पहुंचे छात्र, कई बेहोश

सुबह 11 बजे झाबुआ के लिए निकले थे थांदला से करीब 200 छात्र, शाम साढ़े पांच बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे, छात्रवृति की राशि नहीं मिलने के कारण पढ़ाई जारी रखने में आ रही समस्या

Updated: Sep 03, 2022, 06:44 AM IST

झाबुआ। मध्य प्रदेश का आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिला के स्टूडेंट्स ने बदहाल शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यहां करीब 200 की संख्या में छात्रों ने छात्रवृति व अन्य मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। मूसलाधार बारिश के बीच छात्र भूखे प्यासे 32 किमी चलकर कलेक्ट्रेट पहुंचे बावजूद जिला कलेक्टर ने उन्हें 5 मिनट का समय देना भी उचित नहीं समझा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक झाबुआ जिले के थांदला स्कूल के छात्र गुरुवार सुबह 11 बजे विद्यालय से निकले थे। रास्ते में भूखे प्यारे बारिश की मार झेलते हुए करीब शाम साढ़े पांच बजे वे कलेक्ट्रेट पहुंचे। 9 वीं से 12 तक के करीब 200 की संख्या में इन छात्रों को 32 किमी पैदल चलना पड़ा था। जिससे कई छात्रों की हालत बिगड़ गई। कुछ छात्र तो शरीर में ग्लूकोज की कमी होने के चलते कलेक्ट्रेट के बाहर ही बेहोश होकर गिर पड़े।

बीमार छात्रों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया। छात्र 32 किमी दूर पैदल चलकर कलेक्ट्रेट तो पहुंच गए लेकिन जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा को समय नहीं मिला। छात्र यहां कलेक्टर साहब का इंतजार करते रहे बावजूद वे नहीं आए। छात्र जब जिद पर अड़ गए कि कलेक्टर साहब से मिले बिना नहीं जाएंगे तो कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ को छात्रों से मिलने के लिए भेज दिया। उन्होंने छात्रों से थोड़ी बहुत बात की और वापस चले गए। लेकिन ये नहीं बताया कि छात्रवृत्ति कब मिलेगी।

छात्रों का कहना है कि पिछले सत्र की छात्रवृत्ति भी उन्हें नहीं मिली है। स्कूल के प्रिंसिपल को इस बारे में कई बार कहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हम गरीब हैं हमें छात्रवृत्ति की सख्त जरूरत है। छात्रवृति नहीं मिलेगी तो हम पढ़ाई जारी नहीं रख पाएंगे। कलेक्ट्रेट के बाहर बैठे छात्रों के लिए देर शाम बस की व्यवस्था की गई और उन्हें वापस अपने घर भेज दिया गया।