Farmer Protest Live Update: 9 दिसंबर को वार्ता से पहले लिखित प्रस्ताव देगी सरकार, 8 तारीख के भारत बंद पर किसान अडिग

किसानों के साथ सरकार की बैठक शनिवार को भी बेनतीजा समाप्त हो गई। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शन में शामिल बच्चों और बुजुर्गों को घर भेजने की अपील की तो भड़क उठे किसान, कहा हम पीछे हटने वाले नहीं, साल भर सड़क पर रहने की तैयारी से निकले हैं। अब 9 दिसंबर को फिर बात होगी, लेकिन उससे पहले 8 दिसंबर को किसानों का भारत बंद भी होगा।

Updated: Dec 06, 2020 01:12 AM IST

Live Updates

हमें उम्मीद है सरकार कानूनों को ज़रूर वापस लेगी : किसान नेता

हमें उम्मीद है सरकार कानूनों को ज़रूर वापस लेगी : किसान नेता

Photo Courtesy: ANI/Twitter

ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा है कि उन्हें विवादास्पद कृषि कानून वापस लिए जाने की पूरी उम्मीद है। शनिवार को केंद्र सरकार के साथ किसानों की बातचीत खत्म होने के बाद उन्होंने कहा कि बैठक शुरू होते ही हमने साफ कर दिया था कि किसान कृषि कानूनों में संशोधन नहीं चाहते। बल्कि हमारी मांग है कि इसे पूरी तरह से वापस लिया जाए। बैठक में मौजूद सभी किसान नेता इस मांग पर डटे रहे। अंत में सरकार की तरफ से कहा गया कि अगली बैठक 9 दिसंबर को होगी। उन्होंने कहा कि लगता है कि सरकार कानूनों को ज़रूर वापस ले लेगी।

9 दिसंबर को वार्ता से पहले सरकार देगी लिखित प्रस्ताव, 8 दिसंबर को होगा भारत बंद

9 दिसंबर को वार्ता से पहले सरकार देगी लिखित प्रस्ताव, 8 दिसंबर को होगा भारत बंद

Photo Courtesy: Twitter/ANI

शनिवार को मोदी सरकार के साथ बैठक ख़त्म होने के बाद किसान नेताओं ने मीडिया को बताया कि केंद्र सरकार के साथ अगली बातचीत 9 दिसंबर को होगी। उससे पहले सरकार अपना लिखित प्रस्ताव किसानों को देगी। उस प्रस्ताव पर पहले किसान आपस में विचार-विमर्श करेंगे और उसके बाद उसी दिन सरकार के साथ बैठक होगी। किसान नेताओं ने यह भी साफ़ कर दिया है कि वे 8 दिसंबर को भारत बंद के एलान पर अब भी क़ायम हैं। किसान नेताओं के मुताबिक़ सरकार चाहती थी कि MSP जारी रखने के लिखित आश्वासन और कानूनों में कुछ संशोधन पर रज़ामंदी के आधार पर आंदोलन वापस ले लिया जाए, लेकिन किसानों को काले कानूनों को रद्द करने से कम कोई समाधान मंज़ूर नहीं है।

आज भी नहीं निकला समाधान का कोई रास्ता, जारी रहेगा किसानों का आंदोलन

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन के दसवें दिन आज किसानों और सरकार के बीच हुई बातचीत एक बार फिर बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई। हालांकि गनीमत यही है कि दोनों पक्ष 9 दिसंबर को एक बार फिर से साथ बैठकर बातचीत के लिए राजी हो गए हैं। 10 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने आज सुबह से ही साफ कर दिया था कि वे केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं और कृषि कानूनों की वापसी से कम किसी समाधान के लिए तैयार नहीं होंगे। जाहिर है किसानों की यह मांग सरकार ने अब तक नहीं मानी है, जिसकी वजह से कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है।

किसानों की चेतावनी, अगर सरकार यही चाहती है तो कि हम साल भर सड़क पर रहने को तैयार हैं

कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ बातचीत में शामिल किसानों नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि हम पिछले कई दिनों से सड़क पर हैं और एक साल तक सड़क पर रहने की तैयारी करके निकले हैं। अगर सरकार यही चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें, तो हम उसके लिए तैयार हैं। हम हिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे। लेकिन पीछे भी नहीं हटेंगे। आपका इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको बताता रहेगा कि हम विरोध स्थल पर क्या कर रहे हैं। हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते। इस कानून से सरकार को और पूंजीपतियों को फायदा होगा, लेकिन किसान बर्बाद हो जाएगा। हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे।

सरकार की अपील, धरने में शामिल बच्चे और बुजुर्ग घर लौटें

सरकार की अपील, धरने में शामिल बच्चे और बुजुर्ग घर लौटें

Photo Courtesy: Twitter/ANI

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ जारी बैठक के दौरान कहा कि मैं यहां मौजूद किसान नेताओं के माध्यम से अपील करता हूं कि धरना स्थलों पर मौजूद बुजुर्ग और बच्चे घर चले जाएं। कृषि मंत्री की इस अपील का क्या यह मतलब है कि उन्हें किसानों के साथ बातचीत के सफल होने की अब उम्मीद नहीं लग रही? क्या इसका यह मतलब है कि सरकार किसानों की मांगें नहीं मान सकती और ऐसे में उनका धरना-प्रदर्शन और लंबा खिंचने के आसार हैं? 

गुरुग्राम में फूंके गए पीएम मोदी और अंबानी-अडानी के पुतले

कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे आंदोलन के दौरान आज दिल्ली के करीब गुरुग्राम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके करीबी दोस्त कहे जाने वाले उद्योगपतियों अंबानी व अडानी के पुतले फूंके गए। इस दौरान सरकार और उद्योगपतियों में सांठगांठ का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी भी की गई। गुरुग्राम में यह प्रदर्शन किसानों का समर्थन कर रहे मजदूर संगठन AIUTUC ने किया। इस दौरान आंदोलनकारियों ने राजीव चौक के पास जुलूस भी निकाला।

किसानों ने आज भी अपना ही खाना खाया, सरकार से दावत नहीं सिर्फ़ समाधान चाहिए

किसानों ने आज भी अपना ही खाना खाया, सरकार से दावत नहीं सिर्फ़ समाधान चाहिए

Photo courtesy: Bhaskar

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 10वां दिन है। किसानों की सरकार के साथ तीसरे दौर की बातचीत जारी है। दिल्ली के विज्ञान भवन में चल रही बैठक में 40 किसान प्रतिनिधि शामिल हैं। बातचीत के दौरान हुए लंच ब्रेक में किसानों ने आज भी सरकारी खाना ठुकरा दिया और अपना लाया हुआ खाना ही पंगत में बैठकर खाया। इसके पहले गुरुवार की बैठक में भी किसानों ने सरकारी लंच की जगह अपने लंगर का भोजन करना ही पसंद किया था। 

 

 

 

केंद्र के साथ बातचीत के लिए किसानों का दल रवाना

केंद्र के साथ बातचीत के लिए किसानों का दल रवाना

Photo courtesy: Twitter/ANI

नए कृषि कानूनों को वापस लेने के मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ बात करने के लिए किसान नेताओं का दल अब से थोड़ी देर पहले सिंघु बाॅर्डर से विज्ञान भवन के लिए रवाना हो गया है। थोड़ी देर पहले एक किसान नेता ये एलान कर चुके हैं कि आज केंद्र सरकार से सिर्फ इसी मुद्दे पर बात होगी कि नए कृषि कानून रद्द होने चाहिए। बार-बार बैठक की तारीख लेकर आने का कोई फायदा नहीं है। किसान आज सरकार के साथ आरपार की बातचीत के मूड में हैं। अगर आज कोई नतीजा नहीं निकला तो 8 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा।

 

 

इससे पहले मोदी सरकार के कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने जिस तरह किसान आंदोलन को कांग्रेस प्रायोजित बताते हुए केंद्र सरकार के कानूनों को पूरी तरह वाजिब बताया है, उससे आज की वार्ता से समाधान निकलने की उम्मीदों पर सवालिया निशान लग गया है।  

आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी : किसान नेता

किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा है कि कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ होने वाली आज की बैठक में किसान आर-पार की लड़ाई करके आएंगे। रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी।

 

 

 

किसान आंदोलन कांग्रेस द्वारा प्रायोेजित: कृषि राज्य मंत्री

किसान आंदोलन कांग्रेस द्वारा प्रायोेजित: कृषि राज्य मंत्री

Photo Courtesy: Twitter/ANI

मोदी सरकार के कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि किसानों का आंदोलन कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है। उन्होंने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार के साथ आज की बैठक में किसानों से सारे संदेह दूर कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हाल में हुई सरकार और किसानों की बैठकों में कुछ मसलों पर स्पष्टता हो चुकी है। उम्मीद है कि आज की बैठक सफल रहेगी और किसान अपना आंदोलन वापस ले लेंगे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि किसान आंदोलन विपक्ष की राजनीति का नतीजा है, वही किसानों को भड़का रहा है। चौधरी ने यह बातें समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहीं। 

 

 

इससे पहले उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा कि किसानों का आंदोलन कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है और सिर्फ पंजाब में ही किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के नाम पर कांग्रेस झूठ की और भ्रम की राजनीति कर रही है। जो भी इन किसान बिलों का विरोध कर रहे है, उन्हें एक बार इन बिलों को पूरा पढ़ना चाहिए।

हैरान करने वाली बात ये है कि जिस वक्त प्रधानमंत्री मोदी किसानों के मसले को सुलझाने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं और दोपहर बाद किसानों के साथ सरकार की अहम बातचीत होनी है, उससे ठीक पहले सरकार के ही कृषि राज्यमंत्री किसान आंदोलन पर उल्टे सीधे आरोप लगा रहे हैं। साथ ही यह भी दिखा रहे हैं कि दरअसल सरकार पूरी तरह सही है, उसे कुछ नहीं समझना, सिर्फ किसानों को समझाने की ज़रूरत है। कहीं सरकार की यह सोच ही किसानों के साथ मिलकर कोई समाधान निकालने के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा तो नहीं है? 

सरकार तीनों काले क़ानून वापस ले: किसान नेता

राजस्थान के किसान नेता और किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि सरकार को तीनों काले कानूनों को वापस लेने का एलान करना चाहिए। इसके साथ ही यह भी लिखकर दे कि न्यूमतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के साथ आज की बातचीत में कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला, तो राजस्थान के किसान भी दिल्ली में जंतर-मंतर पर डेरा डालने के लिए NH-8 के रास्ते अपना कूच शुरू कर देंगे। 

 

 

 

पीएम मोदी की बुलाई बैठक में अमित शाह समेत 4 वरिष्ठ मंत्री शामिल

पीएम मोदी की बुलाई बैठक में अमित शाह समेत 4 वरिष्ठ मंत्री शामिल

Photo Courtesy: Live Hindustan

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 10वां दिन है, दोपहर बाद किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच तीसरे दौर की बातचीत होनी है। किसानों के साथ बातचीत से पहले इस मसले पर विचार के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम बैठक बुलाई है। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह , कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद हैं।

किसानों ने सरकार के साथ आज की वार्ता विफल रहने की हालत में  8 दिसंबर को पूरे देश में बंद का एलान भी कर दिया है। दस दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। बता दें कि किसान नेताओं और सरकार के बीच गुरुवार को हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका था।