India China Stand Off: कई स्थानों पर भारतीय सेना का कब्ज़ा

India China Border: चीन ने भी तैनात किए हैं लंबी दूरी के लड़ाकू विमान, तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों में चल रही है सैन्य स्तर की बैठक

Updated: Sep 03, 2020, 06:16 AM IST

Photo Courtesy: Swaraj Express
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नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील इलाके में चीन की ‘‘उकसाने वाली कार्रवाई’’ के कुछ दिनों बाद क्षेत्र में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है, जबकि दोनों पक्षों के सेना कमांडरों ने तनाव घटाने के लिये एक और दौर की वार्ता की है। बताया जा रहा है कि दोनों देश की सेना ने चुशुल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता की है, जिसमें मुख्य रूप से पैंगोंग झील इलाके में तनाव घटाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

इससे पहले 31 अगस्त और एक सितंबर को छह घंटे से अधिक समय तक इसी तरह की वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत ने पूर्वी लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई पर्वत चोटियों और स्थानों पर कब्जा कर पिछले कुछ दिनों में रणनीतिक बढ़त हासिल की है। 31 अगस्त को भारतीय थल सेना ने कहा कि चीनी सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात पैंगोंग झील के दक्षिण तट पर यथास्थिति में एकतरफा तरीके से बदलाव करने के लिये उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां कीं।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्ताव ने एक सितंबर को कहा था कि चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 31 अगस्त को एक बार फिर उकसाने वाली कार्रवाई की, जब दोनों पक्षों के कमांडर दो दिन पहले पैंगोंग झील इलाके में यथास्थिति बदलने की चीनी कोशिशों के बाद तनाव घटाने के लिये बातचीत कर रहे थे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक दिन पहले पूर्वी लद्दाख में स्थिति की व्यापक समीक्षा की। इस सिलसिले में चली बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया सहित अन्य शामिल हुए थे।

रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘‘लगभग दो घंटे चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सभी संवेदनशील क्षेत्रों में अपना आक्रामक रुख जारी रखेगी ताकि चीन के किसी भी दुस्साहस से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।’’ यह भी पता चला है कि भारतीय थल सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट इलाके के आसपास अपनी उपस्थिति और बढ़ाई है। साथ ही, टैंक और टैंक रोधी मिसाइलों सहित अधिक हथियार प्रणाली लाए गए हैं। इलाके में विशेष सीमांत बल की एक बटालियन के साथ लड़ाकू विमान भी तैनात किए गए हैं।

दूसरी तरफ खबर है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख से करीब 310 किमी दूर स्थित सामरिक रूप से अहम होटन एयरबेस पर जे-20 लंबी दूरी के लड़ाकू विमान तैनात किए हैं।

वहीं, भारतीय वायुसेना ने भी पिछले तीन महीनों में अग्रिम मोर्चे के अपने कई लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख एवं एलएसी पर अन्य स्थानों पर अहम सीमांत एयर बेस पर तैनात किये हैं। इनमें सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 लड़ाकू विमान शामिल हैं।

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गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़प के बाद से पैंगोंग झील इलाके में यथास्थिति में बदलाव करने की चीन की ताजा कोशिश क्षेत्र में पहली बड़ी घटना है। उस झड़प में 20 भारतीय सैन्य कर्मी शहीद हो गये थे। चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे लेकिन चीन ने उसका विवरण सार्वजनिक नहीं किया। पिछले ढाई महीने में भारत और चीन ने कई सैन्य एवं राजनयिक स्तर की वार्ता की हैं लेकिन पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद का समाधान करने में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।