Farmers Protest Live Updates: किसानों का दिल्ली कूच रोकने की कोशिश, हरियाणा के 18 जिलों में मोबाइल इंटरनेट, SMS सेवा सस्पेंड
हरियाणा सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है, क्योंकि राज्य के कई ज़िलों से बड़ी संख्या में किसान ग़ाज़ीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर की तरफ़ कूच कर रहे हैं
क्या मोबाइल इंटरनेट और SMS बंद करने से रुक जाएँगे किसानों के कदम
हरियाणा सरकार ने राज्य के 18 जिलों में मोबाइल इंटरनेट और SMS सेवाएं बंद कर दी हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि राज्य के कई इलाकों से बड़ी संख्या में किसानों के दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन की तरफ कूच करने की खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे किसानों का समर्थन करने के लिए गाज़ीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर की तरफ बढ़ रहे हैं।
किसान अपमानित होकर आंदोलन से वापस नहीं लौटेंगे: योगेंद्र यादव
स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव ने कहा है कि देश के किसान अपमानित होकर वापस नहीं लौटेंगे। गाज़ीपुर बॉर्डर पर जारी किसानों के धरने में पहुंचे योगेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बाकी तमाम लोग ध्यान से सुन लें, किसान अपमान और दुष्प्रचार के शिकार होकर अपना आंदोलन बंद नहीं करेंगे और न ही अपनी मांगें पूरी हुए बिना घर लौटेंगे।
मुज़फ़्फ़रनगर की किसान महापंचायत में उमड़ा जनसैलाब

महापंचायत में पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने नरेश टिकैत से गले मिलने के बाद अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा, मेरा जी रो रहा है, मुकाबला उन लोगों से है जो गलती नहीं मानते। चौधरी चरण सिंह और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत भावुक थे। अब सब पुरानी बातों को भूल जाएं। आप पहले चूके, अब हमें आगे नहीं चूकना है। आज अस्तित्व की लड़ाई है। 26 जनवरी हो गई आज तक गन्ने का भाव तय नहीं हुआ। पंचायत का फैसला होना चाहिए। महापंचायत में किसानों की इतनी भीड़ उमड़ पड़ी कि जीआइसी मैदान छोटा पड़ गया। महापंचायत में पहुंचे कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन ने किसानों से गाजीपुर बॉर्डर चलने का आह्वान किया। महापंचायत में गठवाला खाप, लाटियान खाप समेत अन्य खापों के चौधरी भी पहुंचे हैं।
किसानों-मजदूरों पर वार करके देश को कमज़ोर कर रहे प्रधानमंत्री : राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री हमारे किसान-मज़दूरों पर वार करके भारत को कमज़ोर कर रहे हैं। इससे फ़ायदा सिर्फ़ देश-विरोधी ताक़तों का होगा।
PM हमारे किसान-मज़दूर पर वार करके भारत को कमज़ोर कर रहे हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2021
फ़ायदा सिर्फ़ देश-विरोधी ताक़तों का होगा।
इससे पहले बीती रात को भी राहुल ने ट्विटर के जरिए कहा था कि यह एक साइड चुनने का समय है। मेरा फ़ैसला साफ़ है। मैं लोकतंत्र के साथ हूँ, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूँ।
सरकार को तीनों क़ानून वापस लेने चाहिए: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी किसान आंदोलन के समर्थन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को किसानों को बात करके मसले को सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को तीनों कानून वापस लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के अड़ियल रवैये की वजह से अस्थिरता का माहौल बन रहा है, जो देश हित में नहीं है।
Live- सत्याग्रही किसानों के समर्थन में मेरी प्रेस वार्ता। https://t.co/i1dGV8el1n
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2021
अलीपुर के SHO ने कहा, मुझ पर धरने में बैठे किसान ने हमला किया
सिंघु बॉर्डर पर हिंसक झड़प के दौरान घायल हुए अलीपुर के SHO ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा है कि उन पर तलवार से हमला धरने में शामिल एक किसान ने किया था। उन्होंने कहा कि हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
दोबारा पथराव करने के बाद भगाए गए हमलावर भीड़ में शामिल युवक
सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों पर हमला करने वाली भीड़ को पुलिस ने आखिरकार वहां से हटा दिया है। फिलहाल इलाके में भारी संख्या में पुलिस तैनात है।
किसानों पर पुलिस की मौजूदगी में दोबारा पथराव
सिंघु बॉर्डर पर हमला करने आई भीड़ ने एक बार फिर से किसानों की तरफ पथराव शुरू कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि न्यूज़ चैनलों पर दिखाई जा रही तस्वीरों में साफ नज़र आ रही है कि भीड़ में शामिल युवक पुलिस से कुछ मीटर की दूरी पर खड़े होकर किसानों की तरफ पत्थर फेंक रहे हैं और पुलिस हाथ पर हाथ रखे तमाशा देख रही है। इन्हीं युवकों ने थोड़ी देर पहले भी पथराव किया था। लेकिन पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज किए जाने और आंसूगैस के गोले छोड़े जाने के बावजूद ये युवक वहां से गए नहीं। सिर्फ कुछ दूर पीछे हटकर खड़े हो गए और थोड़ी देर बाद फिर से पथराव शुरू कर दिया।
सिंघु बॉर्डर पर फ़िलहाल हालात क़ाबू में, लेकिन तनाव बरकरार
सिंघु बॉर्डर पर पथराव और झड़प के दौरान पुलिस अफसर के तलवार से घायल होने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज करके और आंसू गैस के गोले छोड़कर हालात को काबू में कर लिया। हालांकि मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर भीड़ में शामिल लोग अब भी वहां से कुछ दूरी पर खड़े हैं। फिलहाल स्थिति कुछ संभली हुई है, लेकिन ये सवाल उठ रहा है कि जब लोगों की भीड़ किसान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नारेबाज़ी कर रही थी, उनके खिलाफ बेहद आक्रामक तेवर दिखा रही थी, तो पुलिस ने उन्हें तभी क्यों नहीं रोका? क्यों इस भीड़ को वहां काफी देर तक मनमानी करने की छूट दी गई? सवाल यह भी है कि जब कल से ही पुलिस ने सिंघु बॉर्डर तक जाने वाले रास्तों पर भारी बैरिकेडिंग और सुरक्षा बंदोबस्त कर रखे हैं, तो कथित रूप से स्थानीय लोगों की उग्र भीड़ को वहां जाने से रोका क्यों नहीं गया? जबकि मीडिया के लोगों को भी आईडी कार्ड दिखाने के बाद ही धरना स्थल की तरफ जाने दिया जा रहा था।
सिंघु बॉर्डर पर टकराव में तलवार भी चली, पुलिस अफ़सर घायल
सिंघु बॉर्डर पर टकराव की स्थिति इसलिए बन गई क्योंकि कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे किसानों पर लोगों की एक भीड़ ने हमला कर दिया। खुद स्थानीय नागरिक बताने वालों की भीड़ ने पहले तो धरना खत्म कराने की मांग करते हुए नारेबाज़ी की और फिर किसानों पर पत्थरों से हमला करने की कोशिश की। जवाब में दूसरी तरफ से भी कुछ पत्थर फेके जाने की खबर है। थोड़ी देर तक पूरी तरह अफऱा-तफरी का माहौल बना रहा। पुलिस ने लाठीचार्ज करके और आंसू गैस के गोले छोड़कर हालात को काबू में करने की कोशिश की। लेकिन कुछ देर तक टकराव का माहौल बना रहा। इसी बीच एक स्थानीय पुलिस अफसर तलवार लगने से घायल हो गए हैं।
#WATCH: Delhi Police baton charges and uses tear gas shells to control the situation at Singhu border where farmers are protesting against #FarmLaws
— ANI (@ANI) January 29, 2021
A group of people claiming to be locals were also protesting at the site demanding that the area be vacated. pic.twitter.com/mF62LNB87j
सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर भीड़ के हमले के बाद पुलिस ने चलाई लाठियाँ, आंसू गैस का भी इस्तेमाल
सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर भीड़ के हमले के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। भीड़ ने किसानों पर पथराव किया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठियां बरसाईं और आंसू गैस के गोले भी दागे हैं।
#WATCH: Scuffle breaks out at Singhu border where farmers are protesting against #FarmLaws.
— ANI (@ANI) January 29, 2021
Group of people claiming to be locals have been protesting at the site demanding that the area be vacated. pic.twitter.com/XWBu9RlwLP
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के विरोध में प्रदर्शन, धरना ख़त्म कराने के लिए नारेबाज़ी
सिंघु बॉर्डर पर इस वक्त कुछ ऐसे लोगों की भीड़ जमा हो गई है जो किसानों के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाज़ी करके धरना खत्म कराने की मांग कर रहे हैं। ये लोग किसानों के आंदोलन की वजह से उन्हें परेशानी होने की बात कर रहे हैं। मौके पर पुलिस भी पहुंच गई है, जो दोनों पक्षों के बीच टकराव रोकने की कोशिश कर रही है।
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर उमड़ी किसानों की भारी भीड़
किसान नेता राकेश टिकैट ने अभी-अभी गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों के धरने का एक ताज़ा वीडियो शेयर किया है, जिसमें वहां किसानों की भारी भीड़ नज़र आ रही है। किसान नेता ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, गाज़ीपुर बॉर्डर से आज सुबह का दृश्य।
गाजीपुर बॉर्डर से आज सुबह का दृश्य pic.twitter.com/SzSpke2Ixq
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) January 29, 2021
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी गाजीपुर बॉर्डर पहुँचे
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गए हैं। किसान आंदोलन को बीती रात से मिल रहे चौतरफा समर्थन को देखकर लग रहा है कि अन्नदाता को पुलिसिया कार्रवाई के जरिए हटाने की कोशिश का उल्टा ही असर हुआ है।
किसान देश का हित, जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं वो देशद्रोही हैं: प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने बीती रात भी ट्वीट करके किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने लिखा था, "बॉर्डर पर किसानों को धमकाया जा रहा है। यह लोकतंत्र के हर नियम के विपरीत है। कांग्रेस किसानों के साथ इस संघर्ष में खड़ी रहेगी। किसान देश का हित हैं। जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं- वे देशद्रोही हैं। हिंसक तत्वों पर सख़्त कार्यवाही की जाए लेकिन जो किसान शांति से महीनो से संघर्ष कर रहे हैं, उनके साथ देश की जनता की पूरी शक्ति खड़ी है।"
जयंत चौधरी मिलने पहुँचे, प्रियंका, अखिलेश ने फ़ोन किया
आज सुबह राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी राकेश टिकैट से मिलने और किसान आंदोलन को समर्थन देने यूपी गेट जा पहुंचे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने राकेश टिकैत को फोन करके हालचाल जाना। राकेश टिकैत ने एक बार फिर दोहराया कि वे भारत सरकार से बात करेंगे और प्रदर्शन स्थल से नहीं हटेंगे।
दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान, लगातार बनी हुई है हलचल
दिल्ली की सीमाओं पर दो महीने से ज्यादा वक्त से जारी किसानों के धरने वाली जगहों पर हलचल लगातार बनी हुई है। बल्कि गाज़ीपुर और सिंघु बॉर्डर पर तो गुरुवार से सरगर्मी और बढ़ी हुई है। गाजीपुर बॉर्डर पर तो घटनाक्रम कल से आज तक लगातार तेज़ी से बदलता नजर आ रहा है। गाजीपुर बॉर्डर पर कई घंटे तक भारी तनाव का माहौल रहा। बीती रात प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों का भारी जमावड़ा भी गाज़ीपुर बॉर्डर पर नज़र आया। लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पीछे हटने से इनकार कर दिया। पुलिस-प्रशासन के भारी दबाव के बीच उनकी आंसुओं से भरी भावुक अपील ने पूरा माहौल ही बदल दिया। किसानों पर अपने नेता की अपील का ऐसा असर हुआ कि जिस गाज़ीपुर के धरने को रातों-रात खाली कराने की बात हो रही थी, वहां सुबह तक किसानों और समर्थकों का जमघट और बढ़ गया।