उज्जैन में शराबबंदी को लेकर संतों ने उठाए सवाल, काल भैरव मंदिर में लगती है भगवान को मदिरा का भोग

मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी का ऐलान, उज्जैन में शराबबंदी के फैसले पर कालभैरव के भोग को लेकर उठे सवाल

Updated: Jan 25, 2025, 10:27 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी की घोषणा की है, जिनमें उज्जैन भी शामिल है। इसके बाद बाबा महाकाल की नगरी में शराब बंदी को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। दरअसल, उज्जैन के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में शराब का भोग चढ़ाने की परंपरा है। यहां मंदिर के पास स्थित दो दुकानों से श्रद्धालु शराब खरीदकर इसे भगवान काल भैरव को अर्पित करते हैं।

मंदिर के सामने इन दुकानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शराब खरीदते हैं और भोग लगाने के बाद प्रसाद के रूप में उसका सेवन भी करते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि धार्मिक शहर में शराब बंदी तो लागू की जाएगी, लेकिन काल भैरव मंदिर में इस नियम को कैसे लागू किया जाएगा? चूंकि, उज्जैन में महाकाल मंदिर के बाद श्रद्धालु सीधे काल भैरव मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। मान्यता है कि काल भैरव का दर्शन किए बगैर श्रद्धालुओं की कामना पूरी नहीं होती।

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काल भैरव मंदिर के पास दो शराब की दुकानें हैं, जहां से रोजाना करीब 5 लाख रुपए से अधिक की शराब बिकती है। अब काल भैरव मंदिर में शराब का भोग लगाने की सदियों पुरानी परंपरा को लेकर भक्तों में ऊहापोह की स्थिति है। यदि शराब बंदी के आदेश लागू होते हैं तो भक्त भोग नहीं लगा पाएंगे। इसे लेकर उज्जैन कलेक्टर ने भी कोई स्पष्टता नहीं दी है।

उज्जैन के कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला अभी बाकी है और जब आदेश जारी होगा, तब आबकारी नीति के अनुसार ही काल भैरव मंदिर के आसपास शराब बंदी के आदेश पर विचार किया जाएगा। उधर, संतों ने भी इसे लेकर विशेष प्रावधान बनाने की मांग की है। 

उज्जैन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास जी महाराज ने कहा कि सरकार शराब बंदी लागू करे लेकिन काल भैरव मंदिर में ख़ास ध्यान देकर नई नीति बनाए ताकि लोग इसे सिर्फ चढ़ाने के उद्देश्य से ही खरीद सके। साथ ही भक्तों को दुकान से शराब सीमित मात्रा में ही मिले। अब यह देखना होगा कि शराब बंदी के आदेश के बाद मंदिर में शराब चढ़ाने की परंपरा कैसे बरकरार रखी जाएगी, या फिर इस पर कोई नया निर्णय लिया जाएगा।