जान पर खेलकर चीता और उसके 4 शावकों को पिलाया पानी, वीडियो वायरल होने पर वन विभाग का चालक सस्पेंड
चीता फैमिली ने इससे ठीक पहले बकरियों का शिकार किया था। इसके बाद से वे प्यासे थे। भीषण गर्मी को देखते हुए वन विभाग में चालक पद पर पदस्थ सत्तू गुर्जर ने उन्हें परात में भरकर पानी पिलाई थी।

श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में मादा चीता ज्वाला अपने चार शावकों के साथ पानी पीती दिख रही है। मॉनिटरिंग टीम की ओर से परात में डाला गया पानी चीता फैमिली ने बेहद दोस्ताना माहौल में पीया। अब खबर आई है कि जान पर खेलकर चीतों को पानी पिलाने वाले वन विभाग के चालक को सस्पेंड कर दिया गया है।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मॉनिटरिंग टीम का एक सदस्य (चीता मित्र) केतली और परात लेकर पहुंचा। उसने परात में पानी भरा और शिकार के बाद आराम फरमा रहे चीतों को आवाज दी। इसमें चीतों को अंग्रेजी में 'COME' कहकर बुलाया। आवाज सुनते ही ज्वाला और उसके चारों शावक फौरन वहां पहुंच गए। यह वीडियो शनिवार सुबह का बताया जा रहा है।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक चीता फैमिली ने इससे ठीक पहले बकरियों का शिकार किया था। इसके बाद से वे प्यासे थे। भीषण गर्मी को देखते हुए वन विभाग में चालक पद पर पदस्थ सत्तू गुर्जर हाथ में परात और एक पानी की केन लेकर आता है। वह केन से परात में पानी भरता है और शिकार के बाद पेड़ के नीचे बैठकर अपने शवकों के साथ आराम कर रही ज्वाला को आवाज देता है। इसके बाद उन्हें पानी पिलाता है।
वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने के बाद विभाग ने युवक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बता दें कि वन विभाग ने कूनो नेशनल पार्क से भागी मादा चीता ज्वाला और उसके 4 शावकों को लेकर जारी एक निर्देश में आस-पड़ोस के गांववालों को सलाह दी थी कि मादा चीता से उचित दूरी बनाकर रखें और उसे खाने के लिए कुछ न दें, लेकिन जब वन विभाग का चालक द्वारा चीता को पानी पिलाते हुए वीडियो वायरल हुआ तो विभाग ने उसे संस्पेंड कर दिया गया।
ज्वाला और उसके शावकों को 21 फरवरी को खजूरी क्षेत्र के जंगल में छोड़ा गया था। एक महीने तक वे पार्क की सीमा में ही रहे। चीतों के बाहर निकलने पर क्षेत्र के चीता मित्र और उनकी टीम ने आसपास के लोगों को जागरूक किया था। चीते इंसानों के लिए सक्रिय रूप से कोई खतरा नहीं होते, लेकिन वे फिर भी जंगली जानवर हैं, इसलिए उनके साथ संपर्क करने से बचना चाहिए। आमतौर पर चीते मनुष्यों पर हमला नहीं करते वे अपनी प्रजाति के बाकी जानवरों के मुकाबले शांत स्वभाव के होते हैं।