भोपाल के निजी अस्पतालों में नहीं हैं प्रशिक्षित डॉक्टर्स, NSUI ने CMHO से की जांच कमेटी बनाने की मांग
NSUI उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि राजधानी में अस्पतालों में अप्रशिक्षित और अनरजिस्ट्रड डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अवैध रूप से निजी अस्पतालों के संचालन का मामला सामने आया है। कांग्रेस की छात्र संगठन NSUI ने राजधानी में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम और क्लीनिकों की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। NSUI ने इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) भोपाल को एक शिकायत देकर विशेष जांच समिति गठित करने की मांग की है।
NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि भोपाल में कई निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक बिना उचित पंजीकरण और प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों के संचालित हो रहे हैं। NSUI को लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि अयोग्य डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ द्वारा मरीजों का इलाज कराया जा रहा है, जो चिकित्सा मानकों का खुला उल्लंघन है और भोपाल के नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
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रवि परमार ने बताया कि अस्पतालों द्वारा पहले डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की जानकारी आनलाइन पोर्टल पर सार्वजनिक की जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं किया जा रहा है और अस्पतालों गड़बड़ियां करने के लिए खूली छूट मिल चुकी है। परमार ने कहा कि मरीजों और उनके परिजनों द्वारा हमें अस्पताल में गड़बड़ी, गलत उपचार और अवैध वसूली की शिकायत मिल रही है। उन्होंने कहा कि अब हमारी टीम अस्पतालों का निरीक्षण करेगी।
परमार ने इस संबंध में शिकायत के लिए एक नंबर भी जारी किया है। उन्होंने कहा कि NSUI चाहती है कि भोपाल के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित चिकित्सा सेवाएं मिले। इस लड़ाई को हम पूरी ताकत से लड़ेंगे। यदि अस्पताल में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी दिखाई दे तो मरीज अथवा उनके परिजन "9669083153" पर फोन कर हमें सूचित कर सकते हैं। परमार ने प्रशासन से इस पर शीघ्र संज्ञान लेने और एक जांच समिति गठित कर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द उचित कदम नहीं उठाए गए, तो NSUI जनहित में बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
NSUI की प्रमुख मांगें:-
1. भोपाल के सभी निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक की सत्यता की गहन जांच की जाए।
2. अवैध और अपंजीकृत रूप से संचालित चिकित्सा संस्थानों पर सख्त कार्रवाई हो।
3. बिना मान्यता प्राप्त डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ द्वारा दी जा रही सेवाओं को तुरंत बंद किया जाए।
4. मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नर्सिंग होम एक्ट के सभी मानकों का पालन किया जाए।
5. डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की जानकारी पोर्टल पर सार्वजनिक की जाए।