नर्सिंग घोटाला: काउंसिल के ऑफिस से CCTV फुटेज गायब, HC ने सायबर सेल को दिए जांच के निर्देश

हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर भोपाल सहित सायबर सेल को सीसीटीवी की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। 15 दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट बंद लिफाफे में सौंपनी होगी।

Updated: Jan 25, 2025, 04:48 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाले में एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे हैं। नर्सिंग घोटाले में सीबीआई की जांच के बाद 500 से अधिक नर्सिंग कॉलेजों पर ताले लग चुके हैं। वहीं, अब नर्सिंग काउंसिल भी संदेह के घेरे में है। नर्सिंग काउंसिल के ऑफिस से सीसीटीवी फुटेज गायब हो गए हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।

जबलपुर हाईकोर्ट की युगलपीठ ने नर्सिंग काउंसिल के ऑफिस से सीसीटीवी फुटेज और दस्तावेज गायब होने के मामले में भोपाल के पुलिस कमिश्नर और साइबर सेल को जांच सौंपी है। हाइकोर्ट ने निर्देश दिया है कि काउंसिल ऑफिस के फुटेज को पुनः प्राप्त करने के हरसंभव प्रयास किए जाएं। साथ ही काउंसिल ऑफिस के आसपास के कैमरों की रिकॉर्डिंग की जांच कर यह पता लगाया जाए कि ऑफिस से क्या-क्या सामग्री बाहर ले जाई गई है।

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कोर्ट ने साइबर सेल को तत्कालीन रजिस्ट्रार के मोबाइल टावर लोकेशन की जानकारी जुटाने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि 13 से 19 दिसंबर, 2024 के दौरान उनकी उपस्थिति का पता लगाया जा सके। यह मामला ला स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी। अन्य नर्सिंग फर्जीवाड़े के मामलों के साथ इस मामले की सुनवाई हुई।

हालांकि इससे पहले अदालत ने पूर्व में 13 से 19 दिसंबर, 2024 के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित कर बंद लिफाफे में पेश करने के निर्देश दिए थे, लेकिन सुनवाई के दौरान अदालत को अवगत कराया गया कि 11 से 16 दिसंबर के फुटेज गायब हैं। तत्कालीन रजिस्ट्रार अनीता चांद पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान ग्वालियर के नर्सिंग कॉलेजों में सत्र 2022-23 के छात्रों के अवैध नामांकन को स्वीकृति दी। 

सीबीआई जांच रिपोर्ट में इन कॉलेजों में छात्रों के प्रवेश का खंडन किया गया था, लेकिन रजिस्ट्रार ने फर्जी तरीके से पोर्टल खोलकर नामांकन दर्शाया। हाई कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल को एनरोलमेंट संबंधी फाइलें पेश करने और इस मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं।