भोपाल AIIMS में खून के दलालों का पर्दाफाश, 1150 यूनिट प्लाज्मा महाराष्ट्र में बेचा

भोपाल एम्स से ब्लड प्लाज्मा चोरी कर बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा हुआ। आरोपी 1150 यूनिट प्लाज्मा महाराष्ट्र की निजी लैबों को 5800 रुपये प्रति लीटर में बेच चुके थे। पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर 1123 यूनिट प्लाज्मा बरामद किया।

Updated: Oct 16, 2025, 05:37 PM IST

भोपाल। भोपाल के एम्स अस्पताल से ब्लड प्लाज्मा चोरी कर अंतरराज्यीय स्तर पर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने जांच के बाद खुलासा किया कि आरोपी अब तक 1150 यूनिट एफएफपी प्लाज्मा चोरी कर महाराष्ट्र के नासिक और औरंगाबाद की निजी लैबों को बेच चुके थे। यह प्लाज्मा 5800 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचा गया था। इन लैबों में प्लाज्मा का उपयोग बायो मेडिकल दवाएं बनाने में किया जा रहा था। पुलिस ने बुधवार को इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया और 1123 यूनिट प्लाज्मा बरामद किया। बरामद माल की कीमत करीब 11.72 लाख रुपये आंकी गई है।

यह मामला तब सामने आया जब एम्स भोपाल के प्रभारी सुरक्षा अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रसाद ने 29 सितंबर को ब्लड बैंक से प्लाज्मा चोरी की शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान ब्लड बैंक इंचार्ज डॉक्टर प्रतूल सिन्हा के बयान लिए गए जिनके आधार पर आरोपी अंकित केलकर और एक अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 305(ए) के तहत केस दर्ज किया गया।

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गिरफ्तार आरोपियों में एम्स का कर्मचारी अंकित केलकर (26), शिवाजी नगर निवासी अमित जाटव (25), बरखेड़ी कला निवासी लक्की पाठक (30), उसका भाई दीपक पाठक (35), नासिक निवासी श्याम बडगुजर (27) और औरंगाबाद निवासी करण चव्हाण (25) शामिल हैं।

पुलिस के अनुसार, लक्की पाठक केवल 10वीं पास है जबकि उसका भाई दीपक 12वीं तक पढ़ा लिखा है। साथ ही वह अलग-अलग ब्लड बैंकों में काम भी कर चुका है। दीपक की पत्नी भी लाइव सेवर ब्लड बैंक में काम करती है और उसने डीएमएलटी कोर्स किया है। इन्हीं कारणों से दीपक के संपर्क कई राज्यों के ब्लड बैंकों से थे,जिनके माध्यम से इस नेटवर्क को चलाया जा रहा था।

एडिशनल डीसीपी गौतम सोलंकी ने बताया कि सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बरामद प्लाज्मा को सुरक्षित रखा गया है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि चोरी हुए प्लाज्मा की सप्लाई फार्मा कंपनियों तक किस हद तक पहुंच चुकी थी। साथ ही उन निजी लैबों पर भी कार्रवाई की तैयारी है जिन्होंने अवैध रूप से प्लाज्मा खरीदा था।

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कैसे हुआ खुलासा?
ब्लूड बैंक से प्लाज्मा के चोरी होने की शिकायत्वके बाद पुलिस ने शंका के आधार पर आउटसोर्स कर्मचारी अंकित केलकर को हिरासत में लिया। रिमांड पर पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि उसने अपने दो साथियों अमित जाटव और लक्की पाठक के साथ मिलकर चोरी की योजना बनाई थी। ये तीनों पहले लाइव सेवर ब्लड बैंक में साथ काम कर चुके थे।

अंकित की कंपनी का टेंडर 30 सितंबर को समाप्त हो रहा था। इसी कारण उसने अपने साथियों के साथ एम्स से प्लाज्मा चोरी की योजना बनाई। आरोपियों ने माना कि 18 से 27 सितंबर के बीच उन्होंने 1150 यूनिट एफएफपी प्लाज्मा चोरी किया था।

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पूछताछ में सामने आया कि लक्की पाठक और उसके भाई दीपक पाठक ने चोरी किया गया प्लाज्मा नासिक के श्याम बडगुजर और औरंगाबाद के करण चव्हाण को बेचा था। दोनों को 5800 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से प्लाज्मा दिया गया। श्याम बडगुजर इंदौर के नंदानगर स्थित थैलीसीमिया ब्लड बैंक से जुड़ा हुआ है। जबकि, करण चव्हाण सहयाद्री ब्लड बैंक और स्वर्गीय मुकेश भाई पटेल ब्लड बैंक में काम करता है। पुलिस के अनुसार, आरोपी प्लाज्मा को फार्मा कंपनियों को बेचने की योजना बना रहे थे, लेकिन इससे पहले ही गिरफ्तार कर लिए गए।