विजयपुर उपचुनाव में सिंधिया के न जाने पर विवाद, बीजेपी ने ख़ारिज की न बुलाए जाने की शिकायत

विजयपुर उपचुनाव में हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की गैर मौजूदगी लगातार सवालों के घेरे में है। ग्वालियर में जब उनसे इस पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें बुलाया ही नहीं गया लेकिन संगठन ने इस पर सफ़ाई दी है।

Updated: Dec 01, 2024, 05:04 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश की विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। इसे लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है। चुनाव प्रचार में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की गैर मौजूदगी पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब सिंधिया ने इस पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि उन्हें विजयपुर में प्रचार के लिए बुलाया ही नहीं गया।

शनिवार को जब सिंधिया ग्वालियर पहुंचे तो उन्होंने विजयपुर उपचुनाव में वन मंत्री रामनिवास रावत की हार पर कहा कि हमें चिंतन करना होगा। यह हार चिंता की बात है। यदि मुझसे वहां प्रचार का कहा होता, तो मैं जरूर जाता। मैं जनता का सेवक हूं।

सिंधिया के इस बयान के बाद शनिवार देर रात बीजेपी संगठन का जवाब आया। पार्टी के प्रदेश महामंत्री और विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि विजयपुर के स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया का नाम था। सीएम डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद ने उन्हें विजयपुर में आने के लिए आग्रह किया था। सिंधिया ने अपनी व्यस्तता के चलते नहीं आ पाने की बात कही थी। ऐसा नहीं है कि उनको नहीं बुलाया गया था। उनको आमंत्रित किया गया था।

रविवार सुबह उनसे जब भगवानदास सबनानी के बयान पर सवाल पूछा गया तो सिंधिया ने कहा कि "मैं बयान के बयान में नहीं लगता।" वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने कहा सिंधिया वहां जाते तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके सवाल को वह टाल गए।

बता दें कि मध्य प्रदेश की दो विधानसभा सीटों- विजयपुर और बुधनी में उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोट डाले गए थे। 23 नवंबर को आए नतीजों में विजयपुर सीट से वन मंत्री रामनिवास रावत हार गए। यहां कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा ने 7364 वोटों से जीत दर्ज की। रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। हालांकि, पाला बदलना उन्हें भारी पड़ गया और कांग्रेस के एक मामूली कार्यकर्ता के आगे उन्हें मुंह की खानी पड़ी।