रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की बढ़ी मुश्किलें, ED ने जब्त की 1,400 करोड़ की प्रॉपर्टी
रिपोर्ट्स के अनुसार रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत करोड़ों रुपए के नए एसेट्स अटैच किए हैं।
मुंबई। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की प्रॉपर्टीज को एक बार फिर अटैच किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत करोड़ों रुपए के नए एसेट्स अटैच किए हैं। इनकी कीमत करीब 1,400 करोड़ रुपए है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ये प्रॉपर्टीज नवी मुंबई, चेन्नई, पुणे और भुवनेश्वर में अटैच की गई हैं। इस कार्रवाई के साथ रिलायंस ग्रुप से संबंधित संपत्तियों की कुल कुर्की बढ़कर लगभग 9,000 करोड़ रुपए हो गई है।रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस (RCFL) में बड़े पैमाने पर फंड्स का गलत इस्तेमाल से जुड़े मामले में ये संपत्तियां कुर्क की गईं हैं।
इससे पहले ED ने 3 नवंबर को फंड डायवर्जन मामले में अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 132 एकड़ जमीन को अटैच किया था। यह जमीन धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (DAKC) नवी मुंबई में है, जिसकी वैल्यू 4,462.81 करोड़ रुपए है। इसके अलावा ग्रुप से जुड़ी 40 से ज्यादा प्रॉपर्टीज को भी अटैच किया था। इन प्रॉपर्टीज में अनिल अंबानी का पाली हिल वाला घर भी है। अटैच की गई प्रॉपर्टीज की कुल वैल्यू 3,084 करोड़ रुपए बताई गई थी।
ED ने जांच में पाया कि रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस (RCFL) में बड़े पैमाने पर फंड्स का गलत इस्तेमाल हुआ है। 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने RHFL में 2,965 करोड़ और RCFL में 2,045 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया था, लेकिन दिसंबर 2019 तक ये अमाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) बन गए।RHFL का 1,353 करोड़ और RCFL का 1,984 करोड़ अभी तक बकाया है।
इस तरह यस बैंक को 2,700 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। ED के मुताबिक, ये फंड्स रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किए गए। लोन अप्रूवल प्रोसेस में भी कई गड़बड़ियां मिलीं, जैसे- कुछ लोन उसी दिन अप्लाई, अप्रूव और डिस्बर्स हो गए। फील्ड चेक और मीटिंग्स स्किप हो गईं। इस मामले में ED लगातार कार्रवाई कर रही है।




