MP: शासकीय अस्पताल के टॉयलेट में आदिवासी युवती का प्रसव, नवजात की मौत के बाद आरोपी नर्स पर कार्रवाई

छतरपुर के ईशानगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार रात करीब 11 बजे महिला ने टॉयलेट में बच्ची को जन्म दिया। प्रसव के बाद ही नवजात की मौत हो गई।

Updated: Sep 02, 2024, 04:59 PM IST

छतरपुर। मध्य प्रदेश में शासकीय सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छिपी नहीं है। छतरपुर में रिश्वत न मिलने पर शासकीय अस्पताल में प्रसूता को डिलिवरी से मना कर दिया गया। स्थिति ये हुई की मजबून आदिवासी युवती ने अस्पताल के बाथरूम में बच्चे को जन्म दिया। नतीजतन नवजात की मौत हो गई। इस तरह सरकारी तंत्र ने आदिवासी बच्चे को जन्म के साथ ही मार दिया।

घटना छतरपुर के ईशानगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है। परिजनों के मुताबिक अस्पताल में नर्स ने डिलीवरी कराने के लिए 2 हजार रुपए मांगे थे। पैसे नहीं दिए तो नर्स ने जिला अस्पताल जाने के लिए कह दिया। पति ने हाथ-पांव जोड़े तो उसने कहा कि यहां से भाग जाओ। इसी दौरान महिला वॉशरूम गई जहां डिलीवरी हो गई।

सलैया की रहने वाली प्रेम बाई पति बालकिशुन आदिवासी (24) को शनिवार रात को प्रसव पीड़ा हुई थी। परिजन उसे शंजवार रात 11 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ईशानगर लेकर पहुंचे थे। आरोप है कि अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात नर्स ने बालकिशुन ने डिलिवरी कराने से इनकार कर दिया।

परिजन का कहना है कि करीब 10 मिनट तक वे नर्स और स्टाफ को मनाते रहे, लेकिन वे साथ नहीं गए। उधर, वॉशरूम में गिरने से नवजात बच्ची को चोट आई और उसकी मौत हो गई। नर्स और अस्पताल स्टाफ के रवैये से दुखी परिवार रविवार सुबह ईशानगर थाने पहुंचा और मामले की शिकायत की। मामला तूल पकड़ने के बाद आरोपी नर्स को निलंबित कर दिया गया है।