जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं, सरकार से वार्ता में किसानों का खुला एलान

Farmers Protest LIVE Updates: किसानों और सरकार की वार्ता आज भी बेनतीजा ख़त्म हो गई, अब 15 जनवरी को दोनों पक्ष फिर बात करेंगे, कांग्रेस बोली, किसानों के आगाह करने पर भी सच्चाई मानने को तैयार नहीं मोदी सरकार

Updated: Jan 08, 2021 11:37 PM IST

क़ानून वापस लेने के अलावा कोई और सुझाव दें किसान : नरेंद्र सिंह तोमर

किसानों के साथ आठवें दौर की वार्ता का कोई नतीजा न निकलने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार अगर कानून वापस लेने के अलावा कोई और विकल्प देंगे तो सरकार उस पर बात करेगी। लेकिन किसान नेताओं ने कोई और विकल्प नहीं दिया, इसलिए बातचीत खत्म हो गई। तोमर ने कहा कि आंदोलन में शामिल किसान चाहते हैं कि इन कानूनों को वापस लिया जाए, लेकिन देश में बहुत से लोग इन कानूनों के पक्ष में हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि किसान नेताओं के साथ अब 15 जनवरी को एक बार फिर से बातचीत करने का फैसला किया गया है। 

 

 

जब तक क़ानून वापस नहीं होंगे आंदोलन जारी रहेगा: किसान संगठन

किसान नेताओं और सरकार के बीच आज की बातचीत के दौरान दोनों पक्षों में काफी गर्मागर्म बहस भी हुई। ये जानकारी ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला ने बैठक के बाद मीडिया को दी। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ हुई तीखी बहस के दौरान किसान संगठनों ने साफ कर दिया कि हमें नए कृषि कानूनों की वापसी कम कम कुछ भी मंज़ूर नहीं है। किसान नेताओं ने कहा कि हम इसके लिए किसी अदालत में भी नहीं जाएंगे। किसानों का रुख बिलकुल साफ है। सरकार जब तक तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती, हमारी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने ये भी कहा कि 26 जनवरी को किसानों की परेड निकालने का एलान पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक अब भी बरकरार है। 

 

 

 

नए क़ानून बड़े कॉरपोरेट के हक़ में और हमारे खिलाफ : किसान संगठन

सरकार लगातार यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि उसके बनाए नए कृषि कानून दरअसल किसानों के हक में हैं। लेकिन आंदोलनकारी किसान संगठन उसकी बातों में आने को तैयार नहीं हैं। वे लगातार यही कह रहे हैं कि तीनों कृषि कानून असलियत में किसान के खिलाफ और बड़े पूंजीपतियों के हक में हैं। उनके लागू होने पर मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य का मौजूदा सिस्टम धीरे-धीरे ठप हो जाएगा। जिससे देश के किसान तबाह और बर्बाद हो जाएंगे।

मोदी सरकार जमीनी सच्चाई मानने को तैयार नहीं : कांग्रेस

किसानों की मांगों के बारे में मोदी सरकार के अड़ियल रवैये की कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि हमारे किसान भाई ट्रैक्टर रैली निकाल कर सरकार को आगाह कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार जमीनी सच्चाई को मानने को तैयार नहीं है। 

 

 

 

कृषि क़ानूनों पर किसानों की माँग मानने को सरकार तैयार नहीं

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के 44 दिन से जारी आंदोलन को दरकिनार करते हुए मोदी सरकार ने आज एक बार फिर से उनकी मुख्य मांग को ठुकरा दिया। किसान लगातार मांग कर रहे हैं कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। लेकिन सरकार ने आज एक बार फिर से साफ कर दिया कि वो कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है। किसान चाहें तो उनके प्रावधानों पर बिंदुवार चर्चा कर सकते हैं। इससे पहले भी बातचीत के हर दौर में सरकार का लगभग यही रुख रहा है। आज केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत का आठवां दौर था, जिसके बेनतीजा खत्म होने के बाद अब 15 जनवरी को फिर से दोनों पक्ष मिलकर बात करेंगे। 

देश के कई राज्यों के बहुत से किसान नए क़ानूनों के हक़ में : सरकार

किसानों की कानून वापसी की मांग के जवाब में सरकार का कहना है कि वो कानूनों के उन सभी प्रावधानों पर बात करने को तैयार है, जिन पर किसानों को कोई एतराज़ है। लेकिन तीनों कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लेना मुमकिन नहीं है। सरकार ने आज यह दावा भी किया कि देश के तमाम राज्यों में किसानों का एक बड़ा हिस्सा नए कृषि कानूनों के साथ है। ऐसे में आंदोलन कर रहे किसानों को भी पूरे देश के किसानों के हित में सोचना चाहिए। 

हम तभी घर लौटेंगे जब क़ानून रद्द करेगी सरकार : किसान नेता

सरकार के साथ वार्ता के दौरान किसान नेताओं ने अपना रुख पूरी तरह साफ कर दिया है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक किसान नेताओं का कहना है कि सरकार जब तक तीनों नए कृषि कानून वापस नहीं लेती, वे आंदोलन खत्म करके अपने घरों को नहीं लौटेंगे। किसानों ने सरकार से साफ-साफ कह दिया है कि जब तक क़ानून वापसी नहीं होगी, हमारी घर वापसी भी नहीं होगी। 

बैठक में सरकार के तीन मंत्री और किसानों के प्रतिनिधि शामिल

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों और केंद्र सरकार के बीच जारी आठवें दौर की वार्ता में मोदी सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश मौजूद हैं। आंदोलनकारियों की तरफ से हमेशा की तरह किसान संगठनों के 41 प्रतिनिधि वार्ता में हिस्सा ले रहे हैं। 

विज्ञान भवन में किसान नेताओं और मंत्रियों के बीच बैठक जारी

विज्ञान भवन में किसान नेताओं और मंत्रियों के बीच बैठक जारी

Photo Courtesy: Twitter/Agriculture India

दिल्ली की सीमाओं पर 44 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता दिल्ली के विज्ञान भवन में जारी है। लेकिन अब तक की बातचीत में गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मुख्य मांग पर अडिट हैं, जबकि सरकार इसके लिए अब तक तैयार नज़र नहीं आ रही है।  
इससे पहले सरकार के साथ आज की वार्ता से पहले गुरुवार को हजारों किसान दिल्ली के चारों ओर ट्रैक्टर रैली निकालकर अपने मज़बूत इरादों और अटूट संकल्प का संकेत दे चुके हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने तो कल यहां तक कह दिया कि किसान संगठन मई 2024 तक अपना आंदोलन जारी रखने को तैयार हैं, लेकिन कानून वापसी के बिना वे अपने घर नहीं लौटेंगे।