Farmers Protest Live Updates: कृषि कानूनों, MSP के दो अहम मुद्दों पर नहीं बनी सहमति, अब 4 जनवरी को फिर होगी बात
केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की छठे दौर की बातचीत खत्म, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, पराली और बिजली क़ानून से जुड़े दो मुद्दों पर सहमति बनी, कृषि क़ानूनों और MSP पर जारी रहेगी वार्ता
कृषि क़ानूनों और MSP की गारंटी पर गतिरोध बरकरार: दर्शन पाल
सरकार के साथ किसान नेताओं की बातचीत के दौरान तीनों कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने के मसले पर गतिरोध बना हुआ है। ये कहना है क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल का। दर्शन पाल सरकार के साथ हुई सभी छह दौर की वार्ता में शामिल रहे हैं। उन्होंने मीडिया को बताया कि सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना नहीं लगाने की मांग मंज़ूर कर ली है। साथ ही प्रस्तावित बिजली बिल 2020 को वापस लेने की किसानों की मांग भी मान ली गई है। लेकिन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी के दो सबसे अहम मुद्दों पर किसी तरह की आपसी सहमति नहीं बन सकी है।
बिजली का प्रस्तावित बिल और पराली से जुड़ा अध्यादेश वापस लेगी सरकार
सरकार के साथ छठे दौर की वार्ता के बाद बातचीत में शामिल किसान नेता बलकरण सिंह बराड़ ने मीडिया को बताया कि सरकार बिजली के प्रस्तावित बिल को वापस लेने को तैयार हो गई है। ऑल इंडिया किसान सभा पंजाब से जुड़े बलकरण सिंह के मुताबिक सरकार पराली से जुड़े अध्यादेश को वापस लेने के लिए भी तैयार हो गई है। लेकिन MSP और कृषि क़ानूनों की वापसी के मुद्दों पर अब 4 जनवरी को बात होगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी थोड़ी देर पहले मीडिया को यही बताया था कि पराली और बिजली बिल से जुड़े मसलों पर किसानों और सरकार के बीच सहमति बन गई है।
कृषि क़ानूनों की वापसी और MSP के दोनों अहम मुद्दों पर अब भी फंसा है पेंच
किसानों से वार्ता के बाद कृषि मंत्री ने कह तो दिया कि चार में से दो मुद्दों पर सहमति बन गई है, लेकिन इसे पचास फीसदी की सफलता नहीं कहा जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि पराली और बिजली कानून भी ज़रूरी मु्द्दे तो ज़रूर हैं, लेकिन किसानों के लिए दो सबसे अहम मुद्दे ये नहीं हैं। जिन दो मुद्दों पर किसान संगठन सबसे ज़्यादा ज़ोर दे रहे हैं और जिन पर सरकार भी अपने रुख पर अड़ी है, वो हैं तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी। खुद कृषि मंत्री ही कह रहे हैं कि अभी इन मुद्दों पर बातचीत जारी है और चार जनवरी को फिर बात करेंगे। इसका यही मतलब है कि सरकार और किसानों के बीच कुछ सहमति तो ज़रूर बनी है, लेकिन विवाद के सबसे बड़े मुद्दे अब भी अपनी जगह बरकरार हैं। बहरहाल, उम्मीद यही करनी चाहिए कि अगली मुलाकात में सरकार किसानों की बाकी दो मांगों पर भी गंभीरता से विचार करेगी।
पराली और बिजली के मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन कृषि क़ानूनों और MSP पर फिर होगी बात
केंद्र सरकार और मोदी सरकार के तीन मंत्रियों के बीच छठे दौर की बातचीत खत्म हो गई है। मीटिंग के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बातचीत हमेशा की तरह अच्छे माहौल में हुई। उन्होंने ये दावा भी किया कि किसानों और सरकार के बीच जिन चार मुद्दों पर बात हुई उनमें से दो मुद्दों पर सहमति बन गई है। बाकी दो मुद्दों पर आगे बातचीत के लिए 4 जनवरी को फिर से बैठक होगी।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ''किसान नेताओं ने चर्चा के लिए जो चार मसले रखे थे, उनमें दो पर सहमति बन गई है। इनमें से पहला मुद्दा पराली से और दूसरा बिजली कानून से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि कृषि कानूनों और एमएसपी पर कानून बनाने के मुद्दों पर चर्चा अभी खत्म नहीं हुई है। इसके लिए फिर से 4 जनवरी को बैठक होगी। कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने किसानों से कहा है कि बढ़ती सर्दी को देखते हुए बुजुर्गों और बच्चों को घर भेजना चाहिए।
आज भी लंगर से आया किसानों का खाना, मंत्रियों ने भी साथ में खाया

विज्ञान भवन में वार्ता के दौरान इस बार भी लंच ब्रेक हुआ, जिसमें हर बार की तरह किसान नेताओं के लिए लंगर से खाना आया। लेकिन इस बार नई बात ये देखने को मिली कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी किसानों के साथ ही उनके लंगर का खाना खाते नज़र आए। इससे पहले हमेशा यही देखने को मिलता था कि किसान नेता अपना लंगर का भोजन अलग से करते थे, जबकि मंत्रियों और अफसरों का भोजन विज्ञान भवन में सरकार की तरफ से किए गए इंतज़ाम के तहत होता था।
आज की बैठक निर्णायक होगी : सोमप्रकाश
केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने वार्ता शुरू होने से पहले कहा कि किसान के साथ आज की बैठक निर्णायक होने जा रही है। न्यूज़ एजेंसी एनएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं किसान नया साल अपने घर पर अपने परिवारों के साथ मनाएं। सोम प्रकाश ने दावा किया कि सरकार इस बैठक में खुले मन से बात करके सभी मुद्दों का समाधान करने की कोशिश करेगी, ताकि लोग अपने घरों को लौट सकें।
विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ सरकार की बैठक जारी

नई दिल्ली। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों की बैठक शुरू हो चुकी है। किसान पहले ही साफ कर चुके हैं कि आज की बैठक में वे तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग से पीछे नहीं हटने वाले हैं। वे इस सिलसिले में सरकार को लिखी चिट्ठी में भी साफ कर चुके हैं कि बात कृषि कानूनों को हटाने के तरीकों पर होगी। कानून में संशोधन पर वे कोई बात नहीं करेंगे। इसके अलावा किसानों ने अपनी चिट्ठी में एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के तरीके पर बात करने की मांग भी रखी है। उनके चार सूत्री एजेंडे के बाकी दो मुद्दे प्रदूषण नियंत्रण के नए कानून में पराली जलाने वाले किसानों पर एक करोड़ तक का जुर्माना लगाने के प्रावधान को खत्म कराना और नए बिजली बिल के ड्राफ्ट को वापस कराना शामिल है। लेकिन असली पेंच तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की कानूनी गारंटी पर फंसने वाला है।
बैठक में कौन-कौन शामिल है
सरकार के साथ बैठक में किसान संगठनों के 41 नेता शामिल हैं, जबकि सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा रेल, वाणिज्य और उद्योग विभागों के कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश बातचीत में हिस्सा ले रहे हैं।