Kisan Mahapanchayat Live: मुज़फ्फरनगर महापंचायत में उमड़ा किसानों का सैलाब, 27 सितंबर को भारत बंद का एलान
मुजफ्फरनगर में आज कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, इसमें तीन सौ से ज्यादा सक्रिय संगठन शामिल हो रहे हैं
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का व्यापक विरोध जारी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत के लिए जीआईसी मैदान में भारी तादाद में किसान इकट्ठा हुए हैं। महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा है कि यह सिर्फ मिशन यूपी नहीं हमें पूरा देश बचाना होगा। टिकैत ने कहा कि देश में सेल फॉर इंडिया का बोर्ड लगा हुआ है।
20 लाख किसानों की महापंचायत में 27 सितंबर को भारत बंद का फ़ैसला
किसान महापंचायत में आज कई बड़े फैसले लिए गए। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये विरोध कृषि कानूनों के वापस लिए जाने तक जारी रहेगा। मज़फ्फरनगर में इकट्ठा हुए बीस लाख से ज्यादा किसानों ने आनेवाले दिनों के लिए कई फैसले भी इस महापंचायत में लिए हैं। उनमें प्रमुख रूप से चार फैसले हैं।
पहला: 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत
दूसरा: 9-10 सितंबर को लखनऊ में संगठनों की बड़ी बैठक
तीसरा: 15 सितंबर को जयपुर में किसान संसद
और चौथा: 27 सितंबर को भारत बंद का फैसला
गूंज रही सत्य की पुकार, तुम्हें सुनना होगा अन्यायी सरकार: राहुल गांधी

मुज़फ्फरनगर किसान महापंचायत को लेकर राहुल गांधी ने भी अपना समर्थन ज़ाहिर किया है। राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर महापंचायत की तस्वीर को साझा करते हुए कहा है कि 'गूंज रही है सत्य की पुकार तुम्हें सुनना होगा, अन्यायी सरकार!'
गूंज रही है सत्य की पुकार
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 5, 2021
तुम्हें सुनना होगा, अन्यायी सरकार! #मुज़फ्फरनगर_किसान_महापंचायत pic.twitter.com/zYZdmrl7ls
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की आंदोलन की शुरूआत से ही राहुल गांधी किसानों के समर्थन में खड़े नज़र आ रहे हैं। राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी कई मर्तबा सरकार से किसानों की समस्या को सुलझाने की मांग कर चुकी है। लेकिन केंद्र सरकार आनाकानी भरा रवैया छोड़ने को तैयार ही नहीं है। राहुल गांधी बीते मॉनसून सत्र में लगातार किसानों की समस्या पर चर्चा करने की मांग करते रहे। वे मॉनसून सत्र के दौरान खुद ट्रैक्टर चला कर संसद पहुंचे। बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी ने पूरे संसद के सामने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के लिए मौन भी रखा था।
मीडिया के कुछ हिस्से पर फूटा किसानों का ग़ुस्सा

मेनस्ट्रीम मीडिया की चर्चित एंकर चित्रा त्रिपाठी किसान महापंचायत में किसानों के गुस्से का शिकार हो गयीं। मुज़फ्फरनगर पहुंची चित्रा ने जैसे ही आज तक पर अपना लाइव शुरू किया, आसपास मौजूद किसानों ने वहां गोदी मीडिया के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। चित्रा को उल्टे पांव वहां से वापस लौटना पड़ा। कुछ तस्वीरों में आज तक के स्टिकर लगे कार पर भी स्थानीय लोगों ने आज तक के खिलाफ गुस्सा उतारा
सीताराम येचुरी ने लिखा, भारत उदय हो रहा है
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने किसान महापंचायत का समर्थन करते हुए ट्वीट किया है कि Bhart on rise.. यानी भारत का उदय हो रहा है। आजादी के बाद से भारत ने दस महीने तक चलनेवाला इतना लंबा आंदोलन आज तक नहीं देखा था। मोदी सरकार को किसानों से बातचीत कर कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए।
करनाल में 7 सितंबर को होगी महापंचायत, जयपुर में किसान संसद के आयोजन का भी हुआ एलान
मुज़फ्फरनगर में किसान महापंचायत को मिले अपार जन समर्थन को देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने अब इसे देश के अलग-अलग हिस्सों में भी ले जाने की ठानी है। सबसे पहले इसकी शुरूआत उस जगह से होगी जहां हाल ही में किसानों के साथ बर्बरतापूर्ण तरीके सलूक किया गया था। हरियाणा के करनाल में सात सितंबर को महापंचायत का आयोजन होगा।
Announcement by SKM in #मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) September 5, 2021
• Mahapanchayat in Karnal on 7th September against Lathicharge on farmers
• Grand Meeting of farmers groups in Lucknow on 9-10 September
• Kisan Sansad in Jaipur on 15th September
• Bharat Bandh on 27th September pic.twitter.com/QuhBSPTQzU
इसके साथ ही 15 सितंबर को जयपुर में किसान संसद का आयोजन होगा। वहीं 9 औ 10 सितंबर को लखनऊ में मीटिंग की पहली ही घोषणा हो चुकी है। 27 सितंबर को भारत बंद का भी एलान किया गया है।
घर में आग लगाकर रोटियां सेंकने वाले योगी नहीं देशद्रोही हैं: योगेंद्र यादव
किसान महापंचायत के दौरान योगेंद्र यादव ने भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और मोदी सरकार की कथित किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ हमला बोला। योगेंद्र यादव ने मंच से बीजेपी की कथित बंटवारे की राजनीति पर हमला बोलते हुए कहा कि घर में आग लगाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले योगी नहीं देशद्रोही हैं। योगेंद्र यादव ने महापंचायत में मौजूद लोगों से अपील की कि हम हिंदु और मुसमलान को टूटने नहीं देंगे। वो हमें तोड़ेंगे लेकिन हम जोड़ेंगे।
घर मे आग लगाकर अपनी राजनेतीक रोटियाँ सेकने वाले योगी नही देशद्रोही हैं: @_YogendraYadav #Muzaffarnagar #KisanMahaPanchayat #मुज़फ्फरनगर_किसान_महापंचायत @_JaiKisan @Youth4Swaraj @_SwarajIndia @aviksahaindia pic.twitter.com/amsI3FSwL1
— Ankur Goyat (@AnkurGoyat01) September 5, 2021
27 सितंबर को भारत बंद का एलान
संयुक्त मोर्चा ने किसानों को मुज़फ्फरनगर में मिले व्यापक जन समर्थन को देखते हुए 27 सितंबर को भारत बंद का एलान किया है। किसान महापंचायत का आयोजन संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हो रहा है। किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने थोड़ी देर पहले ही 9 और 10 सितंबर को अगली मीटिंग का एलान किया है। यह मीटिंग लखनऊ में होगी।
भले हमारी कब्र खोद दो, लेकिन हम धरना स्थल नहीं छोड़ेंगे
राकेश टिकैत ने महापंचायत में हुंकार भरते हुए कहा कि भले ही हमारे लिए वहां कब्रिस्तान तैयार करवा दिया जाए, तब भी हम धरना स्थल को नहीं छोड़ेंगे। ज़रूरत पड़ी तो हम अपनी जान दे देंगे, लेकिन धरना स्थल को तब तक नहीं छोड़ेंगे, जब तक कि हमें कामयाबी नहीं मिल जाती।
We take a pledge that we'll not leave the protest site there (at Delhi borders) even if our graveyard is made there. We will lay down our lives if needed, but will not leave the protest site until we emerge victorious: BKU (Arajnaitik) leader Rakesh Tikait at Kisan Mahapanchayat https://t.co/9v8dekM3vB pic.twitter.com/1pbp5ikQ8P
— ANI UP (@ANINewsUP) September 5, 2021
सरकार अगर बातचीत का प्रस्ताव रखेगी, तो ज़रूर जाएंगे
राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने खुद किसानों से बातचीत बंद कर दी। अगर सरकार हमें बातचीत के लिए बुलाएगी तो हम ज़रूर जाएंगे। टिकैत ने आंदोलन को लेकर कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि सरकार हमारी मांगों को मान नहीं लेती। किसान नेता ने कहा कि आज़ादी की लड़ाई 90 सालों तक चली थी, इसलिए मुझे इस बात का अंदाज़ा नहीं है कि यह आंदोलन कब तक जारी रहेगा।
When Govt of India will invite us for talks, we will go. The farmers' agitation will continue until the Govt fulfil our demands. The struggle for Independence continued for 90 years so I have no idea for how long this agitation will run: BKU (Arajnaitik) leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/vIZPeYkRCG
— ANI UP (@ANINewsUP) September 5, 2021
दरअसल केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच जनवरी महीने की आखिर तक कई दौरों की बातचीत हुई थी। लेकिन सरकार ने कानूनों को रद्द करने की किसानों की मांग को नहीं माना। इसके बाद से सरकार ने लगातार अपना स्टैंड साफ कर दिया है कि वह किसी भी कीमत पर कानूनों को रद्द नहीं करेगी। इधर किसान भी पूरी हिम्मत के साथ डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती तब तक हम आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।
महापंचायत में एक साथ लगे अल्लाहु-अकबर और हर-हर महादेव के नारे
महापंचायत में मौजूद लोगों के बीच एकजुटता देखने को मिल रही है। किसान नेता राकेश टिकैत ने यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम यूपी की जमीन दंगा करवाने वालों के हाथों में नहीं जाने देंगे। टिकैत ने कहा कि जो लोग इस देश को बंटना चाहते हैं, हम उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। टिकैत ने कहा कि पहले इस देश में अल्लाहु-अकबर और हर-हर महादेव के नारे एक साथ लगाए जाते थे। आगे भी लगाए जाते रहेंगे। इसके बाद राकेश टिकैत की अपील पर महापंचायत एक साथ इन दोनों नारों के साथ गूंज उठी।
सिर्फ मिशन यूपी नहीं हमें पूरा देश बचाना होगा: राकेश टिकैत
मुजफ्फरनगर में किसानों ने केंद्र सरकार के विरुद्ध हुंकार भर दी है। किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा है कि सिर्फ मिशन यूपी नहीं हमें पूरा देश बचाना होगा। टिकैत ने कहा कि देश में सेल फॉर इंडिया का बोर्ड लगा हुआ है। किसान नेता ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ये सब बेचने की इजाजत किसने दी?
वरुण गांधी ने भी किया किसानों को समर्थन
बीजेपी नेता वरुण गांधी भी अब किसानों के समर्थन में आ गए हैं। वरुण गांधी ने किसान महापंचायत का वीडियो साझा करते हुए किसानों के साथ फिर से बातचीत शुरू करने की मांग की है। वरुण गांधी ने किसान महापंचायत को लेकर कहा है कि आज लाखों किसान मुजफ्फरनगर में जुटे हैंं। ये सभी हमारे ही खून हैं। हमें एक बार फिर से इनके साथ जुड़ने की जरूरत है। वरुण गांधी ने कहा है कि हमें किसानों का दर्द और उनके मत को समझना होगा। वरुण गांधी ने कहा है कि किसानों के साथ काम कर हमें एक साझा समाधान पर पहुंचना होगा।
Lakhs of farmers have gathered in protest today, in Muzaffarnagar. They are our own flesh and blood. We need to start re-engaging with them in a respectful manner: understand their pain, their point of view and work with them in reaching common ground. pic.twitter.com/ZIgg1CGZLn
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 5, 2021
वरुण गांधी ने इससे पहले करनाल लाठीचार्ज के दौरान भी खट्टर सरकार की आलोचना की थी। वरुण गांधी ने किसानों के ऊपर किए गए लाठीचार्ज को लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन बताया था।
करनाल लाठीकांड में घायल हुए किसान भी पहुंचे मुजफ्फरनगर

करनाल लाठीकांड में घायल हुए किसान भी आज मुजफ्फरनगर पहुंचे हैं। लाठीकांड में चोटिल हुए किसान महिंदर सिंह की तस्वीर भी सामने आई है। वे महापंचायत में शिरकत कर रहे हैं।
भाजपा को लगता है कि वे लाठियां चलवाकर किसानों को डरा देंगे पर किसानों के हौसले बुलंद है।
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) September 5, 2021
करनाल लाठीकांड के बहादुर किसान महिंदर सिंह आज #मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत में पहुँचे। pic.twitter.com/hfbLB1ISMo
हाल ही में हरियाणा के करनाल में प्रदर्शन के दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। जिसमें कई किसान गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। लाठीचार्ज के अगले दिन एक किसान की मौत भी हो गई थी।
किसान का खेत-खलिहान चुराने वाले देशद्रोही: रणदीप सुरजेवाला

किसान महापंचायत को व्यापक जन समर्थन मिल रहा है। देश भर के विभिन्न राज्यों से बड़ी तादाद में लोग महापंचायत का हिस्सा बनने मुजफ्फरनगर पहुंचे हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी किसानों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि किसानों का खेत-खलिहान चुराने वाले देशद्रोही हैं।
किसान का खेत-खलिहान चुराने वाले देशद्रोही हैं।#मुज़्ज़फ़रनगर_किसान_महापंचायत
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 5, 2021
मंच पर पहुंचे राकेश टिकैत, किसानों ने लगाए नारे
किसान नेता राकेश टिकैत महापंचायत के मंच पर पहुंच गए हैं। राकेश टिकैत के मंच पर पहुंचते ही किसान उनका अभिवादन करने लगे। मुजफ्फरनगर पहुंचने से पहले राकेश टिकैत ने मीडिया को बताया कि इस महापंचायत में किसान देश भर में आंदोलन करने की रणनीति तैयार करेंगे।
मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत में भारी भीड़ जमा हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार यह अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत है।
Rakesh Tikait just arrived at Kisan Mahapanchayat.#मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत pic.twitter.com/naT98n1xkX
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) September 5, 2021
लोगों के लिए लंगर की है व्यवस्था

महापंचायत में शिरकत करने आए लोगों के लिए लंगर की व्यव्स्था की गई है। करीब पांच सौ लंगर लगाए जाने की बात कही जा रही है। जीआईसी मैदान में जारी महापंचायत में 300 सक्रिय संगठन से जुड़े लोग शामिल हैं। जिसमें किसानों से जुड़े 60 संगठन शिरकत कर रहे हैं। इनके अलावा शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों के संगठन भी किसानों को अपना समर्थन देने पहुंचे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।
मुजफ्फरनगर में किसानों का आत्मीयता के साथ स्वागत, लोगों ने खिलाया हलवा

मुजफ्फरनगर में महापंचायत में शिरकत करने के लिए किसानों का हुजूम जीआईसी मैदान की ओर कूच कर रहा है। इस दौरान लोगों का भी किसानों को भरपूर समर्थन मिल रहा है। लोग किसानों को हलवा खिलाकर उनका स्वागत कर रहे हैं।
महापंचायत में महिला किसानों का भी जमावड़ा

किसान महापंचायत में महिला किसान भी भारी संख्या में एकत्रित हो गई हैं। किसानों ने जीआईसी मैदान पहुंचते ही केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरना शुरू कर दिया है।
जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं : राकेश टिकैत

किसानों की महापंचायत शुरू होने से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे, तब तक वे अपने घर नहीं जाएंगे। किसान नेता ने कहा कि आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वालों को कालापानी की सज़ा दी गई थी। ये तीनों कानून भी काले कानून हैं। इसलिए जब तक इन्हें रद्द नहीं किया जाएगा तब तक हम घर नहीं जाएंगे। दरअसल राकेश टिकैत मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं, कृषि कानूनों के खिलाफ जब से आंदोलन शुरू हुआ है, तब से वे अपने घर नहीं गए हैं। उनका इरादा है कि जब तक यह आंदोलन सफल नहीं होता है, तब तक वे अपने घर नहीं जाएंगे।
महापंचायत में पांच लाख से ज्यादा किसानों के एकत्रित होने की उम्मीद
मुजफ्फरनगर में सुबह 11 बजे से किसानों की महापंचायत शुरू होनी है। इस महापंचायत में विभिन्न राज्यों के किसान शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। महापंचायत में करीब पांच लाख किसानों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
तीनों कानून वापस ले सरकार

किसान महापंचायत में शिरकत करने पहुंचीं एक बुजुर्ग महिला ने मीडिया से कहा कि हम यहां पर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करने आए हैं। हमारा सरकार से अनुरोध है कि नौ महीने से ज्यादा हो गए हैं, अब इसे और न बढ़ाएं।
पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर
किसानों की महापंचायत के मद्देनजर मुजफ्फरनगर का प्रशासन अलर्ट मोड पर चला गया है। इस महापंचायत में तीन सौ के करीब सक्रिय किसान संगठनों के शामिल होने की उम्मीद है। इतने व्यापक स्तर पर होने वाली इस महापंचायत को लेकर प्रशासन भी मुस्तैद है।