Arun Jaitley: वित्त मंत्रालय ने अरुण जेटली की पुण्य तिथि पर गिनाई GST की खूबियां

GST: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा कि अरुण जेटली ने जीएसटी सहित भारतीय टैक्स सिस्टम में किए ऐतिहासिक बदलाव

Updated: Aug 25, 2020, 04:14 AM IST

Photo Curtsey: twitter
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नई दिल्ली : सोमवार को भारत के पूर्व वित्त मंत्री दिवंगत अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कई ट्वीट किए हैं। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जेटली ने साल 2014 से 2019 तक के अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रनिर्माण के लिए अहम योगदान दिया है। जीएसटी जैसे ऐतिहासिक बदलावों में उनका योगदान अतुल्यनीय रहा है जिससे आम वस्तुओं पर टैक्स कम हुई वहीं टैक्सपेयर्स की संख्या दुगुनी हुई है।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि, 'माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत हेयर ऑयल, टूथपेस्ट और साबुन जैसी आम उपयोग की वस्तुओं की टैक्स दरें 29.3% से कम होकर 18 फीसदी पर आ गई है। वहीं इसकी वजह से टैक्सपेयर्स की संख्या भी दोगुना होकर 1.24 करोड़ पर पहुंच गया है जो जीएसटी लागू होने के समय में 65 लाख थी। जीएसटी के पहले वैट, उत्पाद शुल्क और सेल टैक्स देना पड़ता था जिसके वजह से सभी को मिलाकर कुल टैक्स 31 प्रतिशत तक पहुंच जाती थी। जीएसटी के आने के बाद 17 अन्य स्थानीय शुल्कों से सभी को निजात मिला है।'

 

ट्वीट में RNR कमेटी के हवाले से कहा गया है कि राजस्व तटस्थ दर 15.3 प्रतिशत है वहीं रिजर्व बैंक के अनुसार जीएसटी का भारित दर मौजूदा समय में मात्र 11.6 फीसदी है। मंत्रालय का दावा है कि अब यह व्यापक रूप से स्वीकार्य है कि जीएसटी उपभोक्ताओं और करदाताओं दोनों के लिए अनुकूल है। जीएसटी लागू होने के पहले लोग ऊंची दर की वजह से कर देने में हतोत्साहित होते थे लेकिन अब जीएसटी के तहत कम दरों ने कर अनुपालन को बढ़ावा दिया है।

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लागू होने के पहले 10 महीनों में 376 बदलाव

बता दें कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने साल 2017 में 1 जुलाई से लागू किया था। साल 2006 में इसे संसद में पहली बार रखा गया था जिसके बाद राज्यों के वित्त मंत्रियों के कमेटी ने अपने सुझाव दिए थे। यह टैक्स सिस्टम लागू करने के बाद केंद्र सरकार काफी विवादों में रही है। विपक्षी दलों ने इसे आर्थिक क्षेत्र में मोदी सरकार की सबसे बड़ी असफलता करार दिया था। जीएसटी को लेकर विवाद और सरकार की अस्पष्टता के कारण इसे लागू होने के पहले 10 महीनों में ही तकरीबन 376 बदलाव किए गए थे जो अबतक निरंतर जारी है। देश की गिर रही जीडीपी के लिए भी कांग्रेस ने जीएसटी और नोटबंदी को वजह बताया है।