Rupee All Time Low: डॉलर के मुकाबले औंधे मुंह गिरा रुपया, 90.63 के ऑल-टाइम लो पर पहुंचा

सोमवार के शुरुआती कारोबार में करेंसी कमजोर होकर 90.63 प्रति डॉलर पर आ गई, जो 12 दिसंबर को छुए गए 90.55 के अपने पिछले रिकॉर्ड निचले स्तर को पार कर गई।

Updated: Dec 15, 2025, 02:11 PM IST

मुंबई। डॉलर के मुकाबले रुपया इतिहास के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार 15 दिसंबर 15 दिसंबर को शुरुआती कारोबार में रुपया 9 पैसे की गिरावट के साथ 90.58 प्रति डॉलर पर खुला। रुपये की इस ऐतिहासिक कमजोरी ने वित्तीय बाजारों में खलबली मचा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा हालात में घरेलू और वैश्विक दोनों ही कारणों से रुपये पर दबाव बना हुआ है।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने मीडिया को बताया कि रुपये में गिरावट का रुख है क्योंकि निवेशक भारत-अमेरिका व्यापार समझौते से जुड़े संकेतों का इंतजार कर रहे हैं। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.53 पर खुला था। फिर टूटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 90.64 प्रति डॉलर पर आ गया जो पिछले बंद भाव से 15 पैसे की गिरावट दर्शाता है। बता दें कि रुपया शुक्रवार को 17 पैसे टूटकर सर्वकालिक निचले स्तर 90.49 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

साल 2025 की शुरुआत में 1 जनवरी को रुपया 85.70 प्रति डॉलर के स्तर पर था। साल के अंत तक इसमें 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। रुपये के कमजोर होने का सीधा असर देश के आयात बिल पर पड़ता है। भारत अपनी जरूरतों का बड़ा हिस्सा कच्चे तेल, गैस और सोने के रूप में विदेशों से मंगाता है। कमजोर रुपया इन सभी आयातों को महंगा बनाता है, जिसका बोझ अंततः आम उपभोक्ता तक पहुंचता है।

रुपये की गिरावट से पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है और महंगाई में भी तेजी आने की आशंका रहती है। इसके अलावा विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों और विदेश यात्रा करने वालों के लिए खर्च पहले की तुलना में काफी बढ़ गया है। अब एक डॉलर खरीदने के लिए 90 रुपये से ज्यादा खर्च करने पड़ रहे हैं, जिससे विदेशी विश्वविद्यालयों की फीस, रहने-खाने और अन्य खर्चों में भारी इजाफा हो गया है।