Different moods of Sushant Singh Rajput

यकीन नहीं होता कि सुशांत सिंह राजपूत ने जिंदगी के बदले मौत को चुना। सुशांत सिंह राजपूत की यादें हमारे संग हैं। उन्हीं यादों की एक झलक

Publish: Jun 15, 2020, 02:52 AM IST

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रूठे खाबों को मनाने वाला हीरो
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1. रूठे खाबों को मनाने वाला हीरो

यकीन नहीं होता कि सुशांत सिंह राजपूत 34 साल की उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनका जिक्र करते ही ‘काई पो चे’ फिल्‍म में उन पर फिल्‍माया गाना याद आ रहा है - ‘रूठे खाबों को मना लेंगे/ कटी पतंगों को थामेंगे/ हां हां है जज़्बा/ हो हो है जज़्बा/ सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांझा/ हम्म का मांझा, हम्म का मांझा …। रूठे खाबों को मनाते मनाते कई लोगों का असल हीरो क्‍यों हार गया, समझना मुश्किल है।