इंदौर क्राइम ब्रांच ने ऑनलाइन सट्टा गैंग का किया भंडाफोड़, करोड़ों का हिसाब-किताब बरामद

इंदौर क्राइम ब्रांच ने ऑनलाइन सट्टा संचालित करने वाली मंदसौर की गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।

Updated: Dec 15, 2024, 12:21 PM IST

इंदौर| क्राइम ब्रांच ने ऑनलाइन सट्टा संचालित करने वाली मंदसौर की गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग पिछले एक साल से सक्रिय थी और रोजाना लाखों रुपए का अवैध सट्टा संचालित कर रही थी। आरोपियों के पास से 29 मोबाइल, 6 लैपटॉप, 13 चेकबुक-पासबुक और करोड़ों रुपए का हिसाब-किताब बरामद हुआ है।

क्राइम ब्रांच की टीम ने मानवता नगर स्थित एक मकान पर दबिश देकर परीक्षित लोहार, रोशल लालवानी, विजय विश्वकर्मा, अभिषेक यादव, रुचित सिंह, राजेश कोतक, प्रफुल्ल सोनी और महेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया। गैंग का मास्टरमाइंड परीक्षित लोहार है, जिसे इस काम के लिए 50 हजार रुपए महीना मिलता था, जबकि अन्य साथियों को 25 हजार रुपए महीना दिया जाता था।

जांच में सामने आया है कि आरोपी "रॉक एक्सचेंज" और इसकी विभिन्न साइट्स जैसे "रॉक 7.आर्ट", "रॉकइंप्ले.कॉम", "रॉकबुक 9.कॉम" आदि के माध्यम से ऑनलाइन सट्टा चला रहे थे। इन साइट्स पर हार-जीत की लाइन लगाई जाती थी। सट्टे के जरिए ये रोजाना 5 से 7 लाख रुपए तक की कमाई कर रहे थे। सट्टे के पैसे को टेलीग्राम और वॉट्सऐप के जरिए ऊपर के लोगों तक पहुंचाया जाता था। जैसे ही किसी खाते में 1 लाख रुपए जमा होते थे, उसे तुरंत आगे ट्रांसफर कर दिया जाता था।

पुलिस को वॉट्सऐप में "दुबई मनी एक्सचेंज" नाम का एक ग्रुप मिला है, जिसमें कई विदेशी नंबर जुड़े हुए हैं। इस ग्रुप और गैंग के अंतरराष्ट्रीय संबंधों की जांच की जा रही है। आरोपी अपने ऊपर के लोगों को नहीं जानते थे और केवल ऑनलाइन माध्यमों से बातचीत करते थे।

क्राइम ब्रांच के एडीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि यह गिरोह पिछले एक साल से सट्टा संचालित कर रहा था। अब तक करोड़ों रुपए का अवैध लेन-देन हो चुका है। पुलिस ने जिन खातों की जानकारी हासिल की है, उनकी भी जांच की जा रही है।

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गिरफ्तार आरोपियों का बैकग्राउंड खंगाला जा रहा है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि ये लोग पहले क्या करते थे और क्या इनमें से किसी का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है। आरोपियों से पूछताछ जारी है ताकि सट्टा कारोबार से जुड़े अन्य लोगों और नेटवर्क की जानकारी मिल सके।