सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष विदेशी मेहमानों से मिले, पुतिन के भारत दौरे से पहले राहुल गांधी का बड़ा आरोप

आमतौर पर परंपरा है कि जो भी बाहर से आता है, वह LOP से मिलता है। आजकल विदेशी मेहमान आते हैं तो केंद्र सरकार उन्हें नेता प्रतिपक्ष से न मिलने की सलाह देती है: राहुल गांधी

Updated: Dec 04, 2025, 02:43 PM IST

नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 4-5 दिसंबर 2025 को भारत यात्रा पर रहेंगे। पुतिन के दौरे से पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के नेताओं को किसी भी विदेशी प्रतिनिधिमंडल या मेहमान से मिलने नहीं दे रही, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक परंपरा है।

राहुल गांधी ने कहा आमतौर पर परंपरा है कि जो भी बाहर से आता है, वह लीडर ऑफ ऑपोजिशन से मिलता है। ऐसा वाजपेयी जी, मनमोहन सिंह जी की सरकारों के दौरान होता था। यह एक परंपरा रही है। लेकिन आजकल विदेशी मेहमान या जब मैं विदेश जाता हूं तो केंद्र सरकार उन्हें लीडर ऑफ ऑपोजिशन से न मिलने की सलाह देती है। यह उनकी पॉलिसी है और वे हमेशा ऐसा करते हैं।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि मैं बाहर से आने वाले लोगों से मिलूं। मोदी जी और विदेश मंत्रालय इस नियम का पालन नहीं करते हैं। यह उनकी इनसिक्योरिटी है। हमारे सभी के साथ रिश्ते हैं। लीडर ऑफ ऑपोजिशन एक अलग नजरिया देते हैं। हम भी भारत को रिप्रेजेंट करते हैं। सिर्फ सरकार ही देश का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।

कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने राहुल गांधी के पुतिन से मिलने देने वाले बयान पर कहा कि हमारी सरकार ने हमारी डेमोक्रेसी की परंपराओं को ताक पर रख दिया है। उन्हें डेमोक्रेसी या उसकी परंपराओं पर कोई भरोसा नहीं है। लोकसभा में हमारे विपक्ष के नेता राहुल गांधी हैं और राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे हैं, लेकिन BJP सरकार ने इस परंपरा को कमजोर कर दिया है। और यह देश की इज्जत के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, 'लीडर ऑफ अपोजिशन राहुल गांधी ने पुतिन वाले मामले पर अपनी बात कह ही है। मुझे लगता है कि सरकार को जवाब देना चाहिए। एक डेमोक्रेसी में यह अच्छा होगा कि आने वाले बड़े लोग (विदेशी मेहमान) सबसे मिलें।मुझे लगता है कि यह एक जरूरी विजिट है। हमारे देश में बिना किसी शक के रूस, चीन और US के साथ कई जरूरी बाइलेटरल रिलेशन बनाए रखने की जरूरत है। हम यह बात नहीं मान सकते कि एक रिश्ता दूसरे रिश्ते के नेचर से तय होना चाहिए।'