Kheti Bachao Yatra: हाथरस, किसान-मजदूर से लेकर चीन तक, हर मुद्दे पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को घेरा

Rahul Gandhi: हाथरस मामले में पीएम मोदी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला, लॉकडाउन से मजदूरों को किया बर्बाद, चीन को दे दी अपनी जमीन

Updated: Oct 07, 2020, 02:05 PM IST

Photo Courtesy: Hindustan Times
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पंजाब में जारी खेती बचाओ यात्रा के तीसरे दिन राहुल गांधी ने जमकर मोदी सरकार पर हमला बोला। विवादित कृषि कानूनों के साथ-साथ राहुल ने पीएम मोदी को लद्दाख संघर्ष और हाथरस कांड पर भी घेरा। पटियाला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए गांधी ने कहा कि कृषि कानूनों के जरिए मोदी सरकार खाद्य सुरक्षा को तबाह करने की कोशिश कर रही है और इसका सबसे बुरा असर पंजाब पर पड़ेगा। 

राहुल गांधी ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को हुई परेशानियों का भी जिक्र किया। गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान मोदी सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। ये उद्योग धंधे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं और करोड़ों मजदूरों को इनसे रोजगार मिलता है। गांधी ने कहा कि उन्होंने फरवरी में ही कोरोना वायरस के खतरे के बारे में आगाह किया था लेकिन तब ये लोग मजाक बना रहे थे। 

हाथरस कांड पर प्रधानमंत्री को निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें बहुत आश्चर्य है कि इस मामले में पीएम मोदी ने एक शब्द भी नहीं कहा। यह पूछे जाने पर कि यूपी पुलिस ने उन्हें धक्का दिया, राहुल ने कहा कि पूरे देश के साथ ऐसा हो रहा है, मेरे साथ ऐसा होना कोई बड़ी बात नहीं है। राहुल ने कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे जनता की रक्षा करें और यह एक ऐसी सरकार है, जिसके सामने खड़े होने पर आपको लाठी पड़ेंगी, हम इसके लिए तैयार हैं। 

राहुल गांधी ने कहा कि सबसे बड़ा धक्का तो हाथरस पीड़िता के परिवार को दिया गया। इसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती। राहुल ने कहा कि उन्होंने परिवार को विश्वास दिलाया कि वे उनके साथ हैं, उन हजारों महिलाओं के साथ हैं, जिनके साथ रोजमर्रा के स्तर पर छेड़खानी होती है, जिनका बलात्कार होता है। 

चीन को लेकर भी राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम कहते हैं कि किसी ने भी भारत की जमीन पर कब्जा नहीं किया। लेकिन चीन ने हमारी 1200 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। यह कैसे हुआ?

राहुल ने खुद ही इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह इसलिए हुआ क्योंकि चीन जानता है कि हमारे प्रधानमंत्री को केवल अपनी छवि की चिंता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर इसी तरह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब देना चाहिए।