बीजेपी में शामिल हुए सुनील जाखड़, 50 साल बाद टूटा कांग्रेस से रिश्ता, जा सकते हैं राज्यसभा

पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे सुनील जाखड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं, उन्होंने कांग्रेस के चिंतन शिविर के पहले ही दिन भावुक बयान जारी करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, इससे पहले उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई थी

Updated: May 19, 2022, 09:16 AM IST

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे सुनील जाखड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं। उन्हें दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सदस्यता दिलाई। इसी के साथ सुनील जाखड़ का कांग्रेस से 50 सालों का रिश्ता टूट गया। बीजेपी में जाने के बाद कयास हैं कि उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया जाएगा।

सुनील जाखड़ ने कांग्रेस के चिंतन शिविर के पहले ही दिन भावुक बयान जारी करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जाखड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी। उनके पिता बलराम जाखड़ भी कांग्रेस के नेता थे और केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। हालांकि उनके भतीजे संदीप जाखड़ फिलहाल कांग्रेस में ही हैं, जो अबोहर से विधायक भी हैं। 

सुनील जाखड़ के भाजपा में जाने के बाद जेपी नड्डा ने कहा है कि इससे पंजाब में पार्टी मजबूत होगी। नड्डा ने कहा कि सुनील जाखड़ कांग्रेस में रहते हुए भी अलग छवि के नेता रहे हैं। उन्होंने हमेशा किसानों के लिए काम किया। आज भाजपा पंजाब में राष्ट्रवादी ताकतों में पहले स्थान पर है। मुझे पूरा भरोसा है कि उनके साथ मिलकर भाजपा पंजाब को एक नए मुकाम पर ले जाएगी। इसमें सुनील जाखड़ का अहम योगदान रहने वाला है।

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कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद सुनील जाखड़ ने पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को धन्यवाद दिया। उन्होंने कांग्रेस से संबंध टूटने को लेकर कहा कि हमारा संबंध 50 साल का था। एक व्यक्ति की बात नहीं है कि जिसके चलते रिश्ता टूटा। शीशा नहीं था, 50 साल का संबंध था. रिश्तों को उसूल की तरह निभाया है। लेकिन पार्टी सिद्धांतों से हटी तो ये फैसला लेना पड़ा। वो मेरी आवाज नहीं रोक सकते थे, पद से हटा सकते थे। हमारी तीन पीढ़ियां वहां काम कर चुकी हैं। पार्टी को परिवार समझकर अच्छे बुरे समय में साथ रहे। अगर रिश्ता तोड़ने की नौबत आई तो कोई निजी झगड़े के लिए पार्टी नहीं छोड़ी। मैंने हमेशा जोड़ने का काम किया, तोड़ने का नहीं।