तुम्हारी एक-एक ईंट पर हमारे पसीने का उधार चढ़ा है

वे जा रहे है उस शहर को छोड़ कर जिसकी बुनियाद उन्‍हींं ने रखी थी। जिस शहर को उन्‍होंने खूबसूरती बख्‍शी थी। वे जा रहे हैं, मगर शहर को जिंदा रखने वे फिर आएंगे।

Publish: May 26, 2020, 11:00 PM IST

coronavirus महामारी के बीच आज देश का मजदूर मीलों का सफर पैदल तय कर रहा है. सिर पर उम्मीदों का गठरा लिए कड़ी धूप में नंगे पैर चल रहा है। उसका दर्द, उसके जख्म शायद किसी को नहीं दिखते, लेकिन उसके हाथों में देश की तकदीर का लेखा है। उनके दर्द को दिखाते  इस वीडियो को लवेश नागर ने संपादित और निर्देशित किया है। यह प्रस्‍तुति साभार।