Errabore Massacre: एर्राबोर नरसंहार पीड़ितों को मुआवजा देगी छत्तीसगढ़ सरकार
CM Bhupesh Baghel: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कैबिनेट ने 14 साल पहले हुए एर्राबोर नरसंहार में मारे गए 32 आदिवासी परिवारों को मुआवजा देने का किया एलान

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने 14 साल पूर्व हुए एर्राबोर नरसंहार में मारे गए 32 आदिवासी परिवारों को मुआवजा देने का एलान किया है। इस माओवादी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकार ने 4-4 लाख रुपए देने का घोषणा किया है। जुलाई 2006 में दंतेवाड़ा जिले के एर्राबोर में हुए इस घातक नरसंहार के पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्णय राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने मीडियाकर्मियों से कहा, 'कैबिनेट ने एर्राबोर हत्याकांड में प्रभावित सभी परिवारों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने का फैसला लिया है।' साल 2006 में जब विवादास्पद सलवा जुडूम (माओवाद विरोधी समूह) जब अपने चरम पर था तब गांव में रहने वाले कई आदिवासी परिवारों को मजबूरन शिविरों में जाना पड़ा था।
इस दौरान माओवादियों और सलवा जुडूम शिविरों से हमलों और जवाबी हमलों की घटनाएं उग्र हो गईं थी। इन हमलों और क्रॉस फायर की जद में आदिवासी ही आते थे। एर्राबोर नरसंहार उस समय की ऐसी ही एक खूनी घटना थी। इसमें माओवादियों ने कथित तौर पर राहत शिविर पर हमला किया था, जिसमें 32 आदिवासी लोगों की मौत हो गई थी। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे वहीं कई अन्य घायल हो गए थे।
हमले के बाद, कई दर्जन ग्रामीणों का भी अपहरण कर लिया गया था। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था। कांग्रेस, जो तब विपक्ष में थी, ने तत्कालीन रमन सिंह की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर सुरक्षा चूक का आरोप लगाया था। इस घटना के बाद, राज्य सरकार ने प्रत्येक पीड़ित परिवारों को एक लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी थी।