विजयादशमी पर पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने इंदौर में की शस्त्र पूजा, कहा- सनातन का मतलब सत्य और अहिंसा

सनातन धर्म को कोई समाप्त नहीं कर सकता। मैं कभी भी सनातन धर्म की परंपराओं से इधर-उधर नहीं भटकता हूं, सनातन धर्म का मतलब है प्रेम, सद्भाव, सत्य और अहिंसा, हिंसा कायरता नहीं।

Updated: Oct 12, 2024, 07:24 PM IST

इंदौर। देशभर में आज धूमधाम से दशहरे का त्योहार मनाया जा रहा है। इसी तिथि पर प्रभु श्रीराम ने रावण को मारकर विजय हासिल की, इसलिए इसे विजयादशमी कहते हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस दौरान इंदौर में विभिन्न धार्मिक गतिविधियों में शामिल हुए। सिंह ने यहां राजपूत समाज द्वारा आयोजित शस्त्र पूजन में भी हिस्सा लिया।

कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह ने प्रगतिशील क्षत्रिय महासभा के मंच से संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह प्रभु राम ने रावण का वध किया, उसी तरह देश में सद्भाव, न्याय और अहिंसा के लिए काम करने वालों को भगवान राम का आशीर्वाद मिले, जो इसके खिलाफ काम करे, उसके विरुद्ध हम सब मिलकर काम करें। 

सिंह ने कहा कि सनातन धर्म को कोई समाप्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि जो कोई यह कहता है कि सनातन धर्म खतरे में है तो बिल्कुल गलत कहता है। सनातन धर्म हजारों वर्षों से है ना वह कभी खत्म होगा। जब मुगलों का राज था, जब अंग्रेजी का राज था तब हिंदू खत्म नहीं हुआ तो अब मोदी के राज में हिंदू संकट में कैसे हो सकता है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैं कभी भी सनातन धर्म की परंपराओं से इधर-उधर नहीं भटकता हूं। सनातन धर्म का मतलब है प्रेम, सद्भाव, सत्य और अहिंसा, हिंसा और कायरता नहीं है। इस दौरान भाजपा नेता उषा ठाकुर के शस्त्र वाले बयान पर सिंह ने कहा कि शस्त्र रखना चाहिए अच्छी बात है लेकिन आज के समय में सबसे बड़ा शस्त्र कलम है।

वही, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर दिग्विजय ने कहा कि देश का संविधान सभी का है। पूरे देशवासियों को एक रहने का क्यों नही कहते आरएसएस या मोहन भागवत। सनातन की बात करते हैं तो पूरा विश्व हमारा है। हमारा एक ही नारा है, हम पहले भारतीय है, भारतीय संविधान और सनातन एक ही है।