थाईलैंड के समुद्र में डूबने से भोपाल के युवक की मौत, परिजनों ने जताई साजिश की आशंका

भोपाल के अंकित साहू की थाईलैंड में समुद्र में डूबने से मौत पर परिवार ने साजिश की आशंका जताई है। तैराकी जानने के बावजूद घुटनों तक पानी में डूबने पर सवाल उठे हैं। साथियों द्वारा मोबाइल पासवर्ड मांगने से शक और गहराया।

Publish: Nov 01, 2025, 01:41 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के शाहजहानाबाद इलाके में रहने वाले 32 वर्षीय अंकित साहू की थाईलैंड में समुद्र में डूबने से हुई मौत ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है। अंकित बीएल लाइफ साइंस नामक मेडिकल कंपनी में कार्यरत था और 23 अक्टूबर को कंपनी के कर्मचारियों के साथ टूर पर थाईलैंड गया था। परिवार का कहना है कि अंकित को तैरना अच्छी तरह से आता था और जिस जगह हादसा हुआ वहां पानी केवल घुटनों तक था। ऐसे में परिवार को इस पूरी घटना पर साजिश की आशंका है।

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अंकित की बहन आयुषी साहू ने बताया कि भैया 23 अक्टूबर को थाईलैंड के लिए रवाना हुए थे और 27 अक्टूबर को लौटने वाले थे। जिस दिन उनकी वापसी तय थी उसी दिन दोपहर 12 बजे तक परिवार से उनकी बात हुई थी। इसके कुछ घंटे बाद 3 बजे परिवार को फोन पर सूचना मिली कि अंकित के फेफड़ों में पानी भर गया है और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। आयुषी ने बताया कि उनके परिवार ने सोचा कि पानी निकाल लिया जाएगा लेकिन आधे घंटे बाद बताया गया कि वे अब नहीं रहे।

परिवार को सबसे ज्यादा हैरानी इस बात की है कि अंकित की मौत की जानकारी मिलने के तुरंत बाद उनके एक साथी ने अंकित की पत्नी से उनके मोबाइल का पासवर्ड मांगा। आयुषी ने कहा कि उन लोगों ने भाभी से वीडियो के जरिए फोन का पासवर्ड पैटर्न मांगा। हमें समझ नहीं आया कि मोबाइल पासवर्ड की जरूरत क्यों पड़ी जबकि उनके पास पहले से भाभी का नंबर मौजूद था। परिवार का कहना है कि पासवर्ड मांगने वाले अंकित के साथी निकेश और संतोष थे।

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आयुषी ने बताया कि जब हादसा हुआ उस समय अंकित के साथ निकेश नाम का लड़का मौजूद था। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार पूरी जांच करे क्योंकि भैया पर पूरी फैमिली निर्भर थी। भैया के जाने से मां, पापा, भाभी, छोटा भाई और भतीजी सभी टूट गए हैं।” आयुषी ने यह भी कहा, “जब हमने उनके साथियों से सवाल किए तो वे टालमटोल करने लगे। हमने पहले शरीर के भारत आने की प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार किया उसके बाद सवाल उठाए।”

अंकित के पिता देवेंद्र साहू ने भावुक होकर कहा, “मेरा बेटा मोबाइल हमेशा अपने पास रखता था। फिर उसका फोन किसी और के पास कैसे पहुंचा? पासवर्ड लेकर उसमें से क्या डिलीट किया गया? हम सच्चाई जानना चाहते हैं। पूरी जांच होनी चाहिए कि कहीं कोई साजिश तो नहीं है।” परिवार के मुताबिक, अंकित के साथ गए अन्य लोगों ने शुरुआत में उन्हें पोस्टमॉर्टम न कराने की सलाह दी थी। लेकिन परिवार ने डॉक्टर फूफा की सलाह पर अटॉप्सी कराने का फैसला किया। आयुषी ने बताया कि “उन्होंने कहा कि बॉडी ऐसे ही बुला लीजिए लेकिन हमने जिद की कि बिना पोस्टमॉर्टम के नहीं बुलाएंगे। इसी वजह से बॉडी आने में थोड़ा समय लगा।”

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बहन ने बताया कि उनके भैया रेडिसन होटल में रुके थे और होटल से चेकआउट करने के बाद बीच पर गए थे। वहां पानी केवल घुटनों तक था जबकि अंकित छह फीट लंबे थे। वे स्विमिंग जानते थे इसलिए डूबने की बात समझ से परे है। पूर्व मंत्री और रहली विधायक गोपाल भार्गव ने इस मामले की जानकारी फेसबुक पर साझा की। उन्होंने लिखा कि गढ़ाकोटा निवासी चंद्रकांत साहू के रिश्तेदार और भोपाल में रहने वाले अंकित साहू का थाईलैंड के फुकेट में समुद्र की तेज लहरों में डूबने से निधन हो गया। भार्गव ने बताया कि रेस्क्यू टीम ने उनके साथी निकेश को सुरक्षित बचा लिया लेकिन अंकित को नहीं बचाया जा सका।

उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय को पूरे मामले की जानकारी दी और पार्थिव शरीर को जल्द भारत लाने की मांग की। मुख्यमंत्री कार्यालय के एसीएस नीरज मंडलोई ने दिल्ली स्थित थाईलैंड दूतावास और वहां के भारतीय दूतावास के अधिकारियों से बात किया। दोनों देशों के सहयोग से शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया पूरी की गई और 1 नवंबर को अंकित का शव भारत लाकर परिवार को सौंपने की व्यवस्था की गई।

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इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं जैसे, तैराकी जानने वाले अंकित आखिर घुटनों तक पानी में कैसे डूबे, उनके फोन का पासवर्ड क्यों मांगा गया और क्या हादसे के पीछे कोई साजिश है? परिवार अब इन सवालों के जवाब और न्याय की उम्मीद में है।