पतंजलि के रिफाइंड ऑयल में मिलावट, गोरखपुर में 1260 लीटर तेल जब्त
गोरखपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने पतंजलि और अमूल के खाद्य पदार्थों की जांच में गड़बड़ी पाई है। पतंजलि का 1260 लीटर तेल और अमूल का दही सब-स्टैंडर्ड पाया गया है।
 
                                    गोरखपुर। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने देश के दो प्रमुख ब्रांड पतंजलि और अमूल के खाद्य उत्पादों की जांच में बड़ा खुलासा किया है। विभाग द्वारा लिए गए नमूनों की लैब रिपोर्ट में दोनों कंपनियों के उत्पाद सब-स्टैंडर्ड यानी अधोमानक पाए गए हैं। FSDA की टीम ने पतंजलि के गोदाम से 1260 लीटर तेल जब्त किया है। जबकि, ग्वालियर में लिए गए अमूल के दही के नमूने भी गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गए हैं। दोनों मामलों में संबंधित व्यापारियों और कंपनी प्रतिनिधियों को नोटिस जारी किया गया है और उनसे एक माह के भीतर जवाब मांगा गया है।
जानकारी के अनुसार, 29 अप्रैल को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने गोरखपुर के बेलीपार क्षेत्र के चन्नौऊ उर्फ बेतऊवा स्थित पतंजलि के कैरीइंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन फैसिलिटी और तेजस्विनी ट्रेडर्स पर छापेमारी की थी। इस दौरान अधिकारियों ने रिफाइंड, सोयाबीन और पाम ऑयल की एक बड़ी खेप बरामद की थी। जांच में पाया गया कि तेल टूटे और दबे हुए टिन में भरा हुआ था और उसे प्लास्टिक के बड़े ड्रमों में निकालकर इकट्ठा किया गया था। यह प्रक्रिया खाद्य सुरक्षा मानकों का सीधा उल्लंघन मानी गई। टीम ने मौके से कुल 1260 लीटर तेल जब्त किया।
निरीक्षण के दौरान गोदाम में भारी गंदगी भी पाई गई थी। जब अधिकारियों ने दस्तावेज मांगे तो संचालक कोई वैध कागज प्रस्तुत नहीं कर पाया। संचालक का कहना था कि क्षतिग्रस्त टिनों से तेल निकालकर लखनऊ डिपो वापस भेजा जाता है। लेकिन इसके समर्थन में कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं था। विभाग ने तेल के साथ-साथ हल्दी, धनिया और मसाला के नमूने भी लिए थे जिनमें केवल तेल का सैंपल फेल पाया गया था।
खाद्य सुरक्षा बोर्ड के सहायक आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि पतंजलि के तेल का नमूना गुणवत्ता के मानकों पर खरा नहीं उतरा। कंपनी को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। यदि जवाब असंतोषजनक पाया गया तो कंपनी और संबंधित व्यापारियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कंपनी चाहे तो नमूनों की दोबारा जांच की मांग कर सकती है।
इसी तरह सितंबर माह में ग्वालियर में अमूल के खाद्य पदार्थ लेकर जा रहे एक वाहन को रोककर जांच की गई थी। फूड इंस्पेक्टर सुधीर सिंह की देखरेख में लिए गए अमूल दही के नमूने भी परीक्षण में सब-स्टैंडर्ड पाए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ व्यापारी दही तैयार करने में पाउडर मिलाकर उत्पाद बना रहे थे। जिसकी वजह से इसकी गुणवत्ता पर असर पड़ा। लैब जांच में यह दही मानकों पर खरा नहीं उतर सका। इसके बाद संबंधित दुकानदारों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, पतंजलि के गोदामों में जब्त किया गया तेल और ग्वालियर में पाए गए अमूल दही के नमूनों को नियमित खाद्य मानकों से कई स्तर नीचे पाया गया है। इस मामले में FSDA ने स्पष्ट किया है कि यदि कंपनियों की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई की जाएगी।




 
                             
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
                                    
                                 
                                     
                                     
                                     
								 
 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								