चूहों के कुतरने के बाद दो नवजातों की मौत पर सीएम मोहन सख्त, उच्चस्तरीय जांच के दिए निर्देश
इंदौर शहर के सबसे बड़े अस्पताल में चूहों के आतंक से दो बच्चों की मौत हो गई है। इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग की तरफ से भी बड़ा एक्शन लिया है। इसके अलावा, एमपी के सीएम मोहन यादव ने भी जांच के आदेश दिए हैं।

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के सबसे बड़े MY अस्पताल में चूहों के काटने से दो बच्चों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि इलाज के लिए दोनों बच्चों को भर्ती कराया गया था। लेकिन यहां चूहों ने उन्हें कुतर दिया। इस मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है। राज्य मानवाधिकार आयोग ने अस्पताल को नोटिस जारी किया है। वहीं, सीएम मोहन यादव ने भी जांच के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नवजात शिशुओं की मौत को दुखद बताया। उन्होंने कि सरकार की तरफ से किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं न हो, इसके लिए समस्या का स्थाई समाधान किया जाएगा।
सीएम मोहन यादव ने इस गंभीर घटना पर लापरवाही मामले में स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और इंदौर कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच हो। जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
इस पूरे मामले में MGM मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने नर्सिंग ऑफिसर आकांक्षा बेंजामिन, श्वेता चौहान को निलंबित किया है। सहायक नर्सिंग ऑफिसर कलावती भलावी को शोकॉज नोटिस भेजकर 3 दिन में जवाब मांगा है। साथ ही प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर प्रवीणा सिंह, पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रभारी डॉ. मनोज जोशी को भी शोकॉज नोटिस जारी किया गया है।
बताया जा रहा है कि दूसरे नवजात की मौत के बाद प्रबंधन ने माता-पिता को बिना पोस्टमार्टम ही बच्चा सौंप दिया। परिजन शव ले गए, तब प्रबंधन ने मौत की सूचना दी। इस मौत पर भी प्रबंधन ने पुराना राग अलापा। जिम्मेदारों ने कहा, मौत चूहे के काटने से नहीं हुई है। बच्ची गंभीर स्थिति में भर्ती हुई थी। उसकी आंत उलझी हुई थी। इसके पहले हुए नवजात की मौत पर भी अस्पताल प्रशासन ने यह कहकर लीपापोती शुरू की थी कि बच्चे की मौत चूहा काटने से नहीं बल्कि मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण हुई है।