उज्जैन में 16 महीने में डॉग बाइट के 30 हजार केस, महापौर ने आवारा कुत्तों को शहर से बाहर भेजने के निर्देश दिए
उज्जैन में आम रहवासी नगर-निगम को फोन कर कुत्तों को शहर से बाहर निकालने के लिए कह रहे हैं। मंगलवार को महापौर मुकेश टटवाल ने अधिकारियों के साथ मीटिंग की और इस समस्या का समाधान निकालते हुए कुत्तों को शहर से बाहर भेजने की इजाजत दे दी है। पिछले डेढ़ साल में उज्जैन में 30 हजार लोग कुत्तों के हमले का शिकार हुए है।

उज्जैन। देश में आवारा कुत्तों की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। बारिश के मौसम में डॉग बाइट्स की घटनाएं बढ़ जाती है। जिससे लोगों में घरों से बाहर निकलने में खौफ बना रहता है। वहीं कल सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में स्ट्रीट डॉग की नसबंदी करने का फैसला दिया है। इसका असर अन्य शहरों में भी देखने को मिल रहा है। दरअसल उज्जैन में आम रहवासी नगर-निगम को फोन कर कुत्तों को शहर से बाहर निकालने के लिए कह रहे हैं।
मंगलवार को महापौर मुकेश टटवाल ने अधिकारियों के साथ मीटिंग की और इस समस्या का समाधान निकालते हुए कुत्तों को शहर से बाहर भेजने की इजाजत दे दी है। पिछले डेढ़ साल में उज्जैन में 30 हजार लोग कुत्तों के हमले का शिकार हुए है। जबकि 2 लोगों की जान भी जा चुकी है। इसे लेकर महापौर ने स्वास्थय विभाग प्रभारी सत्यनारायण चौहान, उपायुक्त योगेन्द्र सिंह पटेल और संजेश गुप्ता की उपस्थिति में बैठक ली।
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बात करें उज्जैन की आबादी की तो यह 7 लाख से ज्यादा है। साल 2024 में कुत्तों ने 19 हजार 949 लोगों को काटा है। वहीं जून 2025 से अब तक 10 हजार 296 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा है। जिससे नगर निगम के पास कई लोगों की शिकायतें लगातार आ रही है। महापौर टटवाल ने भटकते और हिंसक कुत्तों की पहचान कर उनकी नसबंदी समेत रेबीज के टीकाकरण अभियान तेज करने पर जोर दे रहे है।