भोपाल में भूख से परेशान लोग सड़क पर उतरे
कोरोना महामारी रोकने के लिए लॉकडाउन का दूसरा चरण जारी है मगर 22 दिनों बाद भी सरकार गरीबों को राशन नहीं दे पाई। भूख और खराब राशन मिलने से परेशान लोग सड़क पर उतर आए।
भोपाल। गुजरे 22 दिनों से काम बंद है और घर में जमा थोड़ा राशन भी खत्म हो चुका है। गरीब बस्तियों में लोग सरकार से राशन मिलने या स्वयंसेवी संस्थानों द्वारा भोजन के पैकेट उपलब्ध करवाने पर ही निर्भर है। सरकार ने नगर निगम के जरिए भोजन पैकेट बंटवाने की व्यवस्था करने की बात कही है मगर अनेक क्षेत्रों में भोजन नहीं मिलने की शिकायतें हैं। गुरुवार को तो हबीबगंज थाना क्षेत्र की बस्ती राहुल नगर के लोग राशन न मिलने, कम राशन मिलने और खराब राशन मिलने की शिकायत लेकर सड़क पर आ गए। महिलाओं का आरोप है कि उन्हें मात्र दो किलो गेहूं आटा दिया गया। चावल भी खराब है। जबकि वे एक माह से राशन मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
कमलनाथ ने की थी मुफ्त अनाज देने की व्यवस्था
लॉकडाउन के कारण गरीब समुदाय अनाज के लिए परेशान हो रहे हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहते हुए कमलनाथ ने 23 मार्च को फैसला लिया था कि सरकार गरीबों को मुफ्त में देगी। कमलनाथ ने लॉकडाउन की स्थिति में समाज के निर्धन वर्गों को होने वाली असुविधा को देखते हुए भोपाल और जबलपुर जिलों में वर्तमान माह का उचित मूल्य की दुकानों से वितरित होने वाला राशन नि:शुल्क प्रदान करने को कहा था। फिर तीन माह का अग्रिम राशन देने के आदेश दिए गए थे। लेकिन लोगों की शिकायत है कि इतने दिनों बाद भी अनाज नहीं मिल रहा है