इंदौर: एक बार फिर विवादों में घिरे BJP MLA गोलू शुक्ला, बेटे और बहु ने नियम तोड़ मंदिर के गर्भ गृह में किया प्रवेश
इंदौर से भाजपा विधायक गोलू शुक्ला विवादों में फिर से घिर गए हैं। इस बार उनके बड़े बेटे और बहू खजराना गणेश मंदिर में प्रतिबंध के बावजूद गर्भगृह में प्रवेश किया था। अब इसे लेकर मंदिर प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर-3 से भाजपा विधायक गोलू शुक्ला का परिवार एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। इस बार मामला इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर से जुड़ा है। मंदिर प्रशासन की ओर से लगे प्रतिबंध के बावजूद विधायक के बेटे और बहू के गर्भगृह में प्रवेश करने का वीडियो सामने आया है। इस घटना के बाद न सिर्फ विधायक परिवार की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं बल्कि मंदिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक विधायक गोलू शुक्ला के बड़े बेटे अंजनेश शुक्ला और उनकी पत्नी सिमरन 12 दिसंबर को खजराना गणेश मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। दोनों का विवाह ठीक एक दिन पहले यानी 11 दिसंबर को ही हुआ था। शादी के अगले दिन वे आशीर्वाद लेने मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने आम श्रद्धालुओं के लिए प्रतिबंधित गर्भगृह में प्रवेश किया। वहां भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाई। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सामने आने के बाद मामला चर्चा में आ गया है।
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गौरतलब है कि कोरोना काल से ही खजराना गणेश मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रशासन द्वारा रोक लगाई गई थी। इस प्रतिबंध के बावजूद विधायक के बेटे-बहू का गर्भगृह में प्रवेश करना कई सवाल खड़े कर रहा है। खासकर इस बात को लेकर कि उन्हें यह अनुमति किस आधार पर और कैसे दी गई। वीडियो वायरल होने के बाद मंदिर प्रशासन की भूमिका को लेकर भी जांच की मांग उठने लगी है।
यह पहली बार नहीं है जब विधायक गोलू शुक्ला के परिवार का नाम धार्मिक स्थलों से जुड़े विवादों में आया हो। इससे पहले इसी साल जुलाई में उनका छोटा बेटा रुद्राक्ष शुक्ला उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश करता नजर आया था। उस दौरान मंदिर के कर्मचारी आशीष दुबे ने रुद्राक्ष को रोकने की कोशिश की थी लेकिन आरोप है कि रुद्राक्ष ने कर्मचारी को धमकाया था। इस पूरे घटनाक्रम के समय विधायक गोलू शुक्ला भी मौके पर मौजूद थे जिससे मामला और संवेदनशील हो गया था।
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इसके अलावा इसी साल 11 अप्रैल की आधी रात को रुद्राक्ष शुक्ला अपने कुछ साथियों के साथ देवास स्थित माता टेकरी पहुंचा था। वहां मंदिर के पट खोलकर दर्शन-पूजा कराने को लेकर उसका पुजारी से विवाद हो गया था। पुजारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें मारपीट और धमकी देने के आरोप लगाए गए थे। बाद में रुद्राक्ष द्वारा पुजारी से माफी मांगने के बाद मामला शांत हुआ था।
लगातार सामने आ रहे इन मामलों ने विधायक गोलू शुक्ला के परिवार की गतिविधियों को एक बार फिर सार्वजनिक बहस के केंद्र में ला दिया है। खजराना गणेश मंदिर की ताजा घटना के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या नियम सभी के लिए समान हैं या प्रभावशाली लोगों के लिए अलग व्यवस्था लागू की जाती है।
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