MP विधानसभा का शीतकालीन सत्र 1 से पांच दिसंबर तक, छोटे सत्र को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल

नेता विपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि लगातार सत्रों की अवधि घटाना इस बात का प्रमाण है कि सरकार जनता के सवालों से भाग रही है और विपक्ष की आवाज़ को दबाना चाहती हैं।

Updated: Oct 29, 2025, 04:36 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। लेकिन इसमें सिर्फ चार ही बैठकें प्रस्तावित की गई हैं। विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। सत्र 1 दिसंबर से आरंभ होकर 5 दिसंबर तक चलेगा, बीच में एक दिन बुधवार को अवकाश रहेगा। 

सूत्रों के मुताबिक, सत्र के दौरान राज्य सरकार कुछ महत्वपूर्ण विधेयक सदन में पेश करने की तैयारी कर रही है। इनमें वित्तीय प्रावधानों और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े प्रस्ताव शामिल हो सकते हैं। सरकार इस सत्र को “संक्षिप्त लेकिन प्रभावी” बताकर नीति आधारित चर्चाओं पर जोर देने की बात कर रही है।

वहीं, विपक्ष ने चार बैठकें तय किए जाने पर आपत्ति जताई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार जानबूझकर छोटा सत्र बुला रही है ताकि विपक्ष को सवाल उठाने का अवसर न मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सदन में चर्चा से बचना चाहती है, इसलिए बहस के दिन घटा दिए गए हैं। 

सिंघार ने यह भी कहा कि किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी, जातीय संघर्ष और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं, जिन्हें विपक्ष सत्र में जोरदार ढंग से उठाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार विधानसभा की कार्यवाही के लाइव टेलीकास्ट से परहेज कर रही है, ताकि जनता तक सच्चाई न पहुंचे।

उन्होंने कहा कि हर बार जब जनता की तकलीफ़ें विधानसभा के फ़र्श पर गूंजने लगती हैं, सरकार दरवाज़े बंद कर देती हैं। विधानसभा चर्चा का नहीं, अब बचाव का मंच भाजपा द्वारा बना दी गई है।लोकतंत्र की आत्मा संवाद में है, लेकिन यह सरकार संवाद नहीं, सेंसरशिप और साज़िश से चल रही है। जनता सब देख रही है, हर छोटा सत्र सरकार के बड़े डर की निशानी है।